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lok sabha chunav 2024 : गुजरात में इस बार 35 मुस्लिम उम्मीदवार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं!

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lok sabha chunav 2024 : गुजरात में इस बार 35 मुस्लिम उम्मीदवार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं!

गुजरात में इस बार 35 मुस्लिम उम्मीदवार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन कांग्रेस ने इस बार अपनी परंपरा को तोड़ते हुए मुस्लिम समुदाय से एक भी व्यक्ति को मैदान में नहीं उतारा है. कांग्रेस ने तर्क दिया है कि भरूच लोकसभा सीट, जहां से वो परंपरागत रूप से एक मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारती थी, इस बार विपक्षी इंडिया ब्लॉक के घटकों के बीच सीट बंटवारे के समझौते के तहत आम आदमी पार्टी (आप) के पास चली गई है.

राष्ट्रीय पार्टियों में केवल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने राज्य में 7 मई को होने वाले चुनाव के लिए गांधीनगर से एक मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. बसपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पंचमहल से एक मुस्लिम उम्मीदवार को भी मैदान में उतारा था. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, इस बार तीसरे चरण में 7 मई को गुजरात की 26 सीटों में से 25 सीटों पर होने वाले लोकसभा चुनाव में 35 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि 2019 में मुस्लिम समुदाय से 43 उम्मीदवार मैदान में थे.

कांग्रेस ने बताई वजह

समुदाय के अधिकांश उम्मीदवार या तो स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे हैं. गुजरात कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष वजीरखान पठान ने इस मामले पर बात करते हुए कहा, “पार्टी पारंपरिक रूप से राज्य में लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय से कम से कम एक उम्मीदवार को मैदान में उतारती है, खासकर भरूच से. इस बार यह संभव नहीं था क्योंकि सीट AAP के पास चली गई थी.” उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने गुजरात में एक सीट से उम्मीदवार खड़ा करने की पेशकश की थी, लेकिन समुदाय के सदस्यों ने जीत की कम संभावना को देखते हुए इनकार कर दिया.

अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष ने क्या कहा

कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष ने कहा, “किसी मुस्लिम उम्मीदवार के लिए किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ने की कोई गुंजाइश नहीं है. बड़ी मुस्लिम आबादी वाली दो सीटें – अहमदाबाद पश्चिम और कच्छ – अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं.” बता दें, भरूच के अलावा, कांग्रेस ने अतीत में नवसारी और अहमदाबाद (जब इसे अहमदाबाद पूर्व और पश्चिम सीटों में विभाजित नहीं किया गया था) से मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.

कांग्रेस ने कब-कब उतारे मुस्लिम उम्मीदवार

1977 में, कांग्रेस ने दो मुस्लिम उम्मीदवारों को संसद भेजा – अहमदाबाद से एहसान जाफरी और भरूच से अहमद पटेल. पटेल ने 1980 और 1984 में भरूच से दो बार के चुनाव जीते. उनके बेटे फैसल पटेल और बेटी मुमताज पटेल इस बार सीट के दावेदारों में से थे और उन्होंने इस सीट के आम आदमी पार्टी के पास जाने पर नाखुशी भी व्यक्त की थी, जिसने आदिवासी नेता चैतर वसावा को मैदान में उतारा है. इससे पहले, कांग्रेस ने साल 2004, 2009 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भरूच से मुहम्मद पटेल, अजीज तनकारवी और शेरखान पठान को मैदान में उतारा था. 2014 के लोकसभा चुनाव में उसने नवसारी सीट से अपने एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार मकसूद मिर्जा को मैदान में उतारा था.

बसपा ने उतारा मुस्लिम उम्मीदवार

मायावती के नेतृत्व वाली बसपा ने इस बार मोहम्मद अनीस देसाई को गांधीनगर से चुनाव लड़ने के लिए टिकट की पेशकश की है, जहां उनका मुकाबला भाजपा के दिग्गज नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से है. गुजरात की जिन 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव होने हैं, उनमें से गांधीनगर में सबसे ज्यादा आठ मुस्लिम उम्मीदवार हैं.

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, जामनगर और नवसारी में पांच-पांच, पाटन और भरूच में चार-चार, पोरबंदर और खेड़ा में दो-दो और अहमदाबाद पूर्व, बनासकांठा, जूनागढ़, पंचमहल और साबरकांठा में एक-एक मुस्लिम उम्मीदवार हैं. जबकि उनमें से ज्यादातर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे हैं, कुछ छोटे दलों जैसे राइट टू रिकॉल पार्टी, भारतीय जन नायक पार्टी, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी, गरीब कल्याण पार्टी और लोग पार्टी ने भी विभिन्न सीटों से मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.

मुस्लिम उम्मीदवार ने क्या कहा

भरूच के जंबूसर तालुका के सरोद गांव के सरपंच इस्माइल पटेल, जो भरूच लोकसभा सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, ने कहा कि उन्होंने 2022 के राज्य विधानसभा चुनावों के लिए टिकट की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें अस्वीकार कर दिया. उन्होंने कहा कि “बड़े राजनीतिक दल मुस्लिम नेताओं की उपेक्षा करते हैं, जिसके कारण हमें एक रास्ता खोजना पड़ता है और स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में चुनाव लड़ना पड़ता है. हमारे क्षेत्र में लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन स्थानीय नेता उनकी सहायता के लिए नहीं आते हैं, जिसके कारण स्थानीय लोग चाहते हैं उनके समुदाय से एक नेता हो.”

22 अप्रैल को प्रकाशित उम्मीदवारों की अंतिम सूची के अनुसार, गुजरात में 7 मई को होने वाले चुनाव के लिए कुल 266 उम्मीदवार मैदान में हैं. गुजरात की 26 सीटों में से सूरत भाजपा के खाते में चली गई है क्योंकि पिछले सप्ताह उसके उम्मीदवार मुकेश दलाल को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था.