छत्तीसगढ़ के रायपुर में पुलिस ने ड्रग्स तस्करी करने वाले 4 युवकों को पकड़ा है. इनके पास से ऑडी कार, सोने के जेवर आदि मिले हैं. इन आरोपियों ने मनी हाइस्ट वेब सीरीज से आइडिया लेकर गैंग बनाई थी, जिसका नाम इन्होंने प्रोफेसर गैंग रखा था.
तस्करों ने मनी हाइस्ट वेब सीरीज देखी और गैंग के सभी लोगों के नाम वेब सीरीज के किरदारों के नाम पर रख दिए. गैंग में गैंग लीडर को बाकी लोग प्रोफेसर के नाम से बुलाते थे. जबकि इस गैंग में शामिल युवती का नाम लूसीफर रखा गया. वहीं, तीसरे युवक का नाम बर्लिन रखा गया. ताकि कोई उनका असली नाम न जान सके.
ऐसे करते थे ड्रग्स डिलीवर
मनी हाइस्ट लुटेरों की गैंग पर आधारित एक वेब सीरीज है. इसे देखने के बाद ही इन लोगों ने अपनी एक गैंग बनाई. इन तस्करों का लिंक इंटरनेशनल गैंग से है. जानकारी के मुताबिक, ये तस्कर विदेशी तस्करों से एमडीएमए और कोकीन मंगवाकर राजधानी में सप्लाई करते थे. इसे खरीदने वालों से एडवांस पेमेंट लेते और पैसे आने के बाद तस्कर उनकी बताई गई जगह पर पहुंचकर ड्रग्स की डिलीवरी देते थे.
पुलिस को इस गैंग की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस की टीम इन्हें पकड़ने के लिए खुद ग्राहक बन गई और आरोपियों को जाल में फंसाकर बताई गई जगह पर ड्रग्स खरीदने पहुंच गई. ये तस्कर 15 हजार रुपये में एक ग्राम ड्रग्स बेचते थे, जिसमें टेबलेट, सीरप और इंजेक्शन शामिल है.
पकड़े गए आरोपी
पुलिस के मुताबिक, तस्करों ने उन्हें ग्राहक के तौर पर कचना के धोतरे मैरिज पैलेस पर बुलाया. वहीं, पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंच गई, जहां पुलिस ने घेराबंदी की और दो तस्करों कुसुम हिंदूजा और चिराग शर्मा को गिरफ्तार कर लिया. दोनों के पास से एमडीएमए ड्रग्स जब्त किया गया है. पुलिस से पूछताछ के बाद एक होटल में भी छापा मारा गया,जहां पुलिस की टीम ने मुख्य तस्कर प्रोफेसर उर्फ आयुष अग्रवाल और महेश सिंह उर्फ नेपाली को पकड़ लिया. फिलहाल पुलिस की टीम मामले की जांच में जुट गई है.