छत्तीसगढ़ : भूपेश सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी राज्य नवाचार आयोग बंद होगा। इसे साय सरकार की ओर से नए विभाग सुशासन एवं अभिकरण में मर्ज किया जाएगा। वित्त विभाग को अनुमति के लिए प्रस्ताव भेजा गया है, जहां से मंजूरी मिलते ही आयोग को बंद कर दिया जाएगा।
बता दें कि आयोग का गठन तीन फरवरी 2023 को हुआ था। इसके अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले पूर्व आइएएस विवेक ढांड थे। उस दौरान आनलाइन-आफलाइन मिलाकर 46 बैठकें हुई थी। इसमें से आयोग ने सात सुझाव सरकार को भेजे थे।
बताया जाता है कि आयोग ने खुद को भी बंद करने का सुझाव दिया था। कांग्रेस सरकार के बदलते ही पांच जनवरी 2024 को विवेक ढांड ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से आयोग में काम ठप हो गया था। सचिव आरके सिंह का कार्यकाल भी 21 जून को खत्म हो गया है।
वर्ष 2023-24 के बजट में राज्य नवाचार आयोग के लिए 1.25 करोड़ रुपये बजट प्रावधान किया गया था। इसका कार्यालय आदिम जाति कल्याण आयोग परिसर में बनाया गया था। अध्यक्ष और सचिव के कमरे को रिनोवेट कराने में लाखों रुपये खर्च हुए थे।
जानकारी के अनुसार मार्च-2024 तक 90 लाख 19 हजार रुपये खर्च हुए हैं। 2024-25 में भी आयोग को 1.25 करोड़ के बजट का प्रविधान हुआ है।
सुशासन एवं अभिकरण विभाग के सचिव राहुल भगत का कहना है कि सुशासन एवं अभिकरण विभाग बनने के बाद छत्तीसगढ़ नवाचार आयोग की कोई जरूरत नहीं थी। इसलिए आयोग को विभाग में ही मर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है।