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छत्‍तीसगढ़ : किसानों को खेती के लिए बारिश का इंतजार, अब तक 29 प्रतिशत कम हुई बारिश…

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छत्‍तीसगढ़ : किसानों को खेती के लिए बारिश का इंतजार, अब तक 29 प्रतिशत कम हुई बारिश…

छत्‍तीसगढ़ में बीते पांच वर्षों की स्थिति पर गौर करें तो ऐसी स्थिति बन रही है कि 15 जुलाई के बाद ही प्रदेश में अच्छी बारिश होती है। 13 जुलाई से प्रदेश के अलग-अलग जिलों में सिस्टम बनेगा, जिसके बाद समय-समय पर बारिश होती रहेगी।

छत्‍तीसगढ़ के किसानों को खेती के लिए बारिश का इंतजार, पिछले वर्ष केंद्रीय पुल में जमा हुआ था 100 लाख टन चावल, मौसम विभाग ने कहा- 15 जुलाई के बाद होगी झमाझम बारिश.

छत्तीसगढ़ में अब तक 29 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। कम बारिश के कारण अब तक 50 लाख हेक्टेयर के कुल रकबे में से 23 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हुई है। कम बारिश के कारण किसान बुआई करने से घबरा रहे हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक बारिश में ज्यादा देरी फसल को प्रभावित कर सकती है। इसका असर केंद्रीय पूल को बेचे वाले चावल पर भी पड़ सकता है। खाद्य सुरक्षा के सामने चुनौती हो सकती है। प्रदेश के 11 जिलों में ही सामान्य वर्षा हुई है। इसमें से सरगुजा-बेमेतरा की हालत सबसे ज्यादा खराब है। यहां सबसे कम बारिश हुई है। 17 जिलों औसत से कम वर्षा दर्ज की गई है, जिसकी वजह से किसानों की चिंता ज्यादा बढ़ चुकी है।

प्रदेश के कई ऐसे भी जिले हैं, जहां अच्छी वर्षा दर्ज की गई है, वहीं सामान्य वर्षा व वास्तविक वर्षा के बीच अंतर 10 प्रतिशत से कम हैं। ऐसे जिलों में बीजापुर में एक प्रतिशत, बलौदाबाजार में दो प्रतिशत कम वर्षा हुई है,वहीं बलरामपुर में सात प्रतिशत व कोरबा में छह प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।

छत्तीसगढ़ में वर्ष 2023-24 में 100 लाख टन चावल केंद्रीय पूल में जमा करने पर सहमति बनी थी। जो वर्ष 2022-23 से 25 लाख टन ज्यादा था। देश में चावल उत्पादन वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ अग्रिम पंक्ति में शामिल हैं।

इधर, मौसम विभाग के विज्ञानियों के मुताबिक प्रदेश में बीते पांच वर्षों की स्थिति पर गौर करें तो ऐसी स्थिति बन रही है कि 15 जुलाई के बाद ही प्रदेश में अच्छी बारिश होती है।

मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 15 जुलाई के बाद से ही अच्छी बारिश हो रही है। पांच वर्षों से यह स्थिति बन रही है। 13 जुलाई से प्रदेश के अलग-अलग जिलों में सिस्टम बनेगा, जिसके बाद समय-समय पर बारिश होती रहेगी। इधर कम बारिश की वजह से खरीफ सीजन में भी किसानों को मोटर पंप से खेत भरते देखा जा रहा है।

वर्षा की स्थिति देखें तो प्रदेश के कई जिलों में हालांकि कम बारिश हुई है, लेकिन इससे धान के उत्पादन में विपरीत असर पड़ने की संभावना नहीं है। बुआई के लिए इतना पानी पर्याप्त हैं। मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में अच्छी बारिश के संकेत मिले हैं। इससे भरपाई हो जाएगी। 11 जिलों में सामान्य वर्षा दर्ज की गई है।

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इन जिलों में सामान्य वर्षा : बलौबाजार, बलरामपुर, बीजापुर, बिलासपुर, गौरेला पेंड्रा मरवाही, जांजगीर, खैरागढ़-छुईखदान, मुंगेली,नारायणपुर, रायगढ़, सुकमा।

यहां सबसे कम वर्षा : बेमेतरा, सरगुजा”

एक जून से 10 जुलाई की स्थिति में : सामान्य वर्षा- 309.7 मिमी. , वास्तविक वर्षा-218.6 मिमी. , अंतर- 29 प्रतिशत”