भाजपा की सुनामी में डूबी कांग्रेस
राज्य गठन के बाद से निकाय चुनावों में भाजपा का सबसे शानदार प्रदान
सीएम विष्णुदेव साय और उनकी सरकार पर शहरी मतदाताओं ने भी जताया भरोसा
35 नगर पालिका परिषदों और 8। नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद पर जीती भाजपा
त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में भी भाजपा को मिलेगा इस जीत का फायदा
जनता ने हमारे 13 महीनों के सुशासन को सराहा : साथ
नगर निकाय चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे ऐतिहासिक दिन करार दिया और कहा कि यह छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा. साय ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज का दिन भाजपा और छत्तीसगढ़ सरकार के लिए ऐतिहासिक है. यह छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा क्योंकि भाजपा ने नगर निकाय चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने महापौर पद का अप्रत्यक्ष चुनाव (पिछली बार 2019-2020 में) कराकर लोकतंत्र की हत्या की है. कांग्रेस उम्मीदवार जो अप्रत्यक्ष चुनाव (कांग्रेस नेता ऐजाज ढेबर का जिक्र करते हुए) के जरिए (रायपुर के) महापौर बने थे, इस बार रायपुर के एक वार्ड से पार्षद का चुनाव हार गए हैं.’’ साय ने कहा कि रायगढ़ नगर निगम में पार्टी ने महापौर पद के लिए चाय बेचने वाले जीववर्धन चौहान को मैदान में उतारा था और उन्होंने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है.
पिछले (2019-2020) नगर निकाय चुनावों में राज्य में तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस ने इन सभी 10 नगर निगमों में महापौर पदों पर कब्जा किया था. पिछली बार महापौर पदों और नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों के अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से हुआ था, जिसके अनुसार जनता ने सीधे पार्षदों को चुना था और फिर चुने हुए पार्षदों ने अपने बीच से नगर निगमों के महापौर और अन्य नगर निकायों के अध्यक्षों का चुनाव किया था. इस अप्रत्यक्ष विधि प्रणाली को 2019 में तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार ने शुरू किया था. हालांकि, इस बार साय सरकार ने प्रत्यक्ष चुनाव की पिछली प्रणाली को बहाल कर दिया, जिसके अनुसार लोगों ने नगर निकायों के महापौर और अध्यक्षों को चुनने के लिए सीधे मतदान किया.