जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के पीछे की साजिश बहुत गहरी दिख रही है. इसके तार गुजरात से जुड़ते दिख रहे हैं. गुजरात के मुंद्रा बंदरगार से पिछले दिनों 21 हजार करोड़ रुपये की हेरोइन जब्त की गई थी. इस मामले की जांच कर रही एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि इस जब्ती का संबंध पहलगाम हमले से है. पहलगाम हमले में 27 लोगों की मौत हुई है. एनआईए के मुताबिक यह सब नशीले पदार्थों की तस्करी की एक बड़ी साजिश का हिस्सा था, जिसका मकसद आतंकी गतिविधियों के लिए पैसा जुटाना और भारत के युवाओं को नशे की लत में धकेलकर देश को कमजोर करना था.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह की बेंच को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर गोलीबारी जैसी घटनाएं इस साजिश का हिस्सा थीं. उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान से पहले भी इसी तरह तालक पाउडर के नाम पर वैध दस्तावेजों के साथ नशीले पदार्थ भारत लाए गए थे. इन नशीले पदार्थों को दिल्ली के नेब सराय और अलीपुर के गोदामों में रखा जाता था. इनकी बिक्री से मिलने वाला पैसा लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी गतिविधियों के लिए भेजा जाता था. एनआईए ने यह भी आरोप लगाया कि कबीर तलवार इस ड्रग सिंडिकेट का हिस्सा था और इस गैरकानूनी साजिश में शामिल था.