जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हिन्दू पर्यटकों के नरसंहार के बाद पूरा देश गम और गुस्से में डूबा हुआ है. इस कायराना और बर्बर हमले में जिन्होंने अपनों को खोया, उनकी तकलीफ और दर्द का अंदाजा लगाना मुश्किल है. सऊदी अरब की यात्रा को बीच में ही छोड़कर वापस भारत लौटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मधुबनी से आतंकवादियों और उनको पनाह देने वाले उनके आकाओं को सीधे और स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि इस हमले के गुनहगारों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा. आतंकवादियों ने भारत का मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाली बैसरन घाटी को रक्तरंजित कर दिया. आतंकवादियों के पनाहगार पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने शुरुआती एक्शन ले लिया है. भारत सरकार ने सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है. साथ ही वैलिड वीजा के साथ भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों को वापस अपने देश जाने को कहा गया है. इसके लिए टाइमफ्रेम भी तय कर दिया गया है. वहीं, पाकिस्तान गए भारतीय नागरिकों को बिना किसी देरी के वापस देश आने की सलाह दी गई है. भारत में स्थित पाकिस्तानी हाई-कमीशन में तैनात सभी एडवायजर्स को भी 30 अप्रैल 2025 तक देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है. हमले के बाद 130 से भी ज्यादा देशों ने खुले तौर पर इस घटना की निंदा करते हुए भारत के साथ खड़े होने की बात कही है. UN सिक्योरिटी काउंसिल ने भी इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है.