- शिवांगी सिंह भारत की पहली महिला राफेल पायलट हैं.
- शिवांगी ने 9 साल की उम्र में पायलट बनने का सपना देखा था.
- शिवांगी ने भारतीय वायुसेना में 2017 में कमीशन प्राप्त किया.
Shivangi Singh Story: राफेल लड़ाकू विमान उड़ाने वाली भारत की पहली और एकमात्र महिला पायलट का नाम है शिवांगी सिंह है. शिवांगी सिंह के यहां तक पहुंचने की कहानी भी काफी दिलचस्प है.करीब दो दशक पहले शिवानी ने पहली बार विमान को छूआ था और उनके लिए यह पल काफी रोमांचित करने वाला था. 29 वर्षीय लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया कि एयर फोर्स म्यूजियम,नई दिल्ली से उनकी यात्रा शुरू हुई थी. शिवांगी ने बताया कि जब वे पहली बार एक बच्चे के रूप में यहां आई थीं, तो विमानों को देखकर हैरान रह गईं और उसी समय तय कर लिया था कि उन्हें पायलट बनना है.
9 साल की उम्र में देखा सपना
शिवांगी सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ. भारत की पहली राफेल फाइटर पायलट शिवांगी सिंह ने 9 साल की उम्र में पायलट बनने का सपना देखा था. शिवांगी ने अपनी पढाई लिखाई बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU)से पूरी की. इसके बाद उन्होंने हैदराबाद स्थित भारतीय वायुसेना अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त किया.शिवांगी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि बचपन में जब वह एक बार नई दिल्ली स्थित एयरफोर्स म्यूजियम गई थीं, तब उन्होंने वहां रखे फाइटर जेट्स को देखा और उनकी ओर टकटकी लगाकर देखने लगीं.उसी समय उन्होंने मन में ठान लिया कि वह पायलट बनेंगी.आखिरकार शिवांगी सिंह ने 2017 में भारतीय वायुसेना (IAF) जॉइन की और महिला फाइटर पायलट्स के दूसरे बैच में कमीशन प्राप्त किया.2020 में कठिन सेलेक्शन प्रोसेस के बाद उन्हें राफेल पायलट के रूप में चुना गया और इसके साथ ही वे राफेल उड़ाने वाली भारत की पहली महिला फाइटर पायलट बन गईं. इससे पहले शिवांगी मिग-21 बाइसन एयरक्राफ्ट भी उड़ा चुकी थीं.बता दें कि भारत में राफेल की पहली खेप 29 जुलाई, 2020 को पहुंची थी,और फ्रांस से 36 राफेल फाइटर जेट्स की अंतिम खेप पिछले साल दिसंबर में आई थी.
अब शिवांगी सिंह राफेल उड़ाने वाली पायलट बन चुकी हैं. वह भारत की पहली ऐसी महिला पायलट हैं जो फ्रांस में बने राफेल लड़ाकू विमानों को उड़ाती हैं. शिवांगी ने बताया कि जब उन्होंने पहली बार मिग-21 उड़ाया, तो शुरू में उन्हें घबराहट और चिंता होती थी, लेकिन जब उन्होंने पहली बार सोलो उड़ान भरी,तो वह बेहद रोमांचकारी था. शिवांगी ने फ्रांसीसी प्रशिक्षकों के साथ सिम्युलेटर प्रशिक्षण भी लिया है. शिवांगी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मेरी मां मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा थीं. वो चाहती थीं कि मैं केवल शिक्षित न रहूं,बल्कि आत्मनिर्भर बनूं. अब शिवांगी ने अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए पायलट प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया है, क्योंकि वे भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बनना चाहती हैं.