उखड़ते प्लास्टर, छतों से झांकते सुराख, कहीं गिर न जाए बिल्डिंगजिला मुख्यालय के जेएलएन में नवनिर्मित बिल्डिंग में पड़ताल के दौरान छतों से झांकते बड़े-बड़े सूराखों के साथ दीवारों में हुई दरारें अनहोनी की आशंका से डराती मिली, भवन में छतों के रास्तों से गिरे पानी से खराब हुई बाहरी दीवारें हरेरंग की काई के साथ कई जगहों से टूटी हुई सीमेंटेड पर्त के साथ बिलकुल टूट चुका एयर कंडक्ट पूरे घालमेल को दर्शाता मिला
नागौर. निर्माण के बाद से कथित रूप से हुई धांधलेबाजी को लेकर चर्चाओं का केन्द्र बनी रही नौ करोड़ 75 लाख की लागत से राजकीय जवाहरलाल नेहरू परिसर में निर्मित मदर एण्ड चाइल्ड विंग की पड़ताल की गई। पड़ताल में न केवल पूरे भवन में कई जगहों पर दीवारों के उखड़े प्लास्टर, बल्कि टूट चुके एयर कंडक्टरों के साथ ही पूरे भवन की सीलनयुक्त दीवारें खस्ताहालत में मिली। छतों पर खुले तारों के जाल के साथ ही यहां पर बनी छत की जर्जर फर्श पर चलने पर भी कंपन का एहसास हो रहा था। जानकारों का कहना है कि इसकी स्थिति बेहद खराब देखते हुए अनहोनी की आशंका से अस्पताल प्रशासन ने इस पूरे भवन के कई हिस्सों को न केवल लॉक कर दिया है, बल्कि वहां पर किसी के भी जाने पर रोक भी लगा दी गई। आंखों से इस हालात को देखने के बाद अस्पताल के जिम्मेदारों से बातचीत हुई तो उनका कहना था कि स्थिति से एनएचएम को अवगत करा दिया गया है। इसमें कोई तकनीकी टिप्पणी अस्पताल प्रशासन नहीं कर सकता है।
गैलरी हॉल: छतों से उखड़ी पर्तें….
मदर एण्ड चाइल्ड विंग में पर्चा बनाने वाले कक्ष के सामने से ही एक गेट रेम्प से होते हुए ऊपरी मंजिल तक गया है। इस रास्ते से आगे बढऩे पर पूरी गैलरी में पांच जगहों पर आई हुई गहरी डरावनी दरारें मिली। रेम्प के खत्म होने पर पहली मंजिल की छत एवं दीवारों में बाहरी पर्त गायब नजर आई, और दीवारों में से झांकते सुराख मिले। यहां के पूरी दीवारों एवं खिड़कियों की हालत भी बेहद खराब रही।
रोगी ठहराव स्थल: गायब पंखे, गिरती धूल……..
भवन के ही आगे दूसरी मंजिल के पास बने हॉल में लगे करीब एक दर्जन पंखे पूरी तरह से गायब मिले। गायब पंखे तो अस्पताल प्रशासन की कथित रूप से हुई लापरवाही बता रहे थे, लेकिन यहां की दीवारों पर सात जगहों पर आई दरार इस पूरे हाल के निर्माण की विशेषताएं बताती मिली। यहां पर एक साथ कम से कम पंद्रह से 20 रोगी रह सकते हैं, मगर दीवारों की स्थिति देखकर लग रहा था कि जैसे 50 साल पहले का निर्माण हुआ हो।
स्विच बोर्ड गायब: यहां भी दरार………….
दूसरी मंजिल में कई जगहों पर इलेक्ट्रिम सिस्टम में प्लग बोर्ड आदि गायब मिले। देखकर लग रहा था कि इसे बनाने के दौरान यहां पर बिजली का बोर्ड लगाना भूल गए। एकसाथ चार बोर्ड की जगह नंगे तारों के जाल के साथ डराती नजर आई। देखकर नहीं लग रहा था वास्तव में बिल्डिंग में करोड़ों की राशि का व्यय किया गया होगा। पूरे हाल में स्थिति से साफ था कि यहां पर निर्माण के नाम पर केवल खानापूर्ति कर दी गई।
ऊपरी मंजिल: खुली छतों के साथ निकली बालू………
चाइल्ड विंग के ऊपरी मंजिल के पहले हिस्से पर पहुंचे तो यहां का हाल बेहद ही खराब था। छतों में कई जगहों से दीवारों में झांकते बड़े-बड़े सुराख निर्माण की कलई खोलते मिले। यहां पर एक भी कोना ऐसा नहीं मिला, जहां पर दीवारों में सुराख न हुआ हो। छत पर पूर्व में एसीबी जांच के दौरान हल्की सी चोट पर बिखरी बालू के अवशेष के साथ इसकी स्थिति देखकर लगा कि यहां से नहीं हटे तो, यह छत ही गिर पड़ेगी। स्थिति खराब देखते हुए ऊपरी मंजिल के इस हिस्से से हम आगे निकल गए।
पानी टंकी: छतों पर बिखरी पट्टियां, फटी छत की फश…….र्
छत के पहले हिस्से आगे निकलते ही पानी की टंकी के पास बिछी पाइपलाइन के सामने से ही छत में से कई बड़े सुराख झांकने के साथ ही छत की हालत बताते हुए हमें डराते नजर आए। यहां पर हल्की सी धमक के साथ पूरी छत एवं दीवारों के हिलने का एहसास हो रहा था। फर्श पर बिछी पट्टियां भी अपना वजूद खोती मिली। कुल मिलाकर पूरी छत पर सरसरी नजर डालने पर मात्र से ही इसके गिर जाने की आशंका से ही डर का एहसास होने पर यहां से भी निकल गए।