रानू साहू
छत्तीसगढ़ में कोयला और लेवी घोटाले में कार्रवाई करते हुए ईडी की टीम ने रानू साहू को गिरफ्तार किया था। रानू साहू 2010 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। रानू साहू कांकेर, कोरबा और रायगढ़ समेत कई जिलों की कलेक्टर रह चुकी हैं। जिस समय रानू साहू को गिरफ्तार किया गया था वह कृषि विभाग में पदस्थ थीं। ईडी ने रानू साहू के आवास पर ईडी ने रेड मारी थी। उनके ठिकाने से ईडी को कई अहम दस्तावेज मिले थे।
छत्तीसगढ़ कोल लेवी घोटाले में जेल में बंद 6 आरोपियों की शनिवार को रिहाई हो गई। जिन लोगों की रिहाई हुई है उनमें से दो आईएएस अधिकारी और एक राज्य प्रशानिक सेवा का अधिकारी है। रानू साहू और समीर विश्नोई छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी हैं जबकि सौम्या चौरसिया राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी थीं। कोल लेवी घोटाला करीब 570 करोड़ रुपये का है। आइए जानते हैं उन अधिकारियों के बारे में जिनकी जेल से रिहाई हुई है।
सौम्या चौरसिया
छत्तीसगढ़ में राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया को कोयले घोटाले में गिरफ्तार किया गया था। सौम्या चौरसिया की रिहाई हो गई है। सौम्या चौरासिया की गिनती पावरफुल अधिकारियों में होती थी। जब सौम्या चौरासिया की गिरफ्तारी हुई उस समय वो मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ थीं। सौम्या चौरसिया पहले छत्तीसगढ़ में एसडीएम के पद पर थीं। उसके बाद राज्य प्रशासनिक सेवा के कई अहम पदों पर रहीं। उन्हें पूर्व सीएम का करीबी माना जाता था।
समीर विश्नोई छत्तीसगढ़ कोयला स्कैम के मामले में जेल जाने वाले पहले आईएएस अधिकारी थे। समीर विश्नोई 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह मूलरूप से उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले हैं। कानपुर आईआईटी से बीटेक करने के बाद वे आईएएस में सलेक्ट हुए। कोंडगांव जिले के कलेक्टर रह चुके थे। समीर विश्नोई माइनिंग डायरेक्टर, माइनिंग कार्पोरेशन के एमडी, आईजी रजिस्ट्रेशन, जीएसटी डायरेक्टर रह चुके हैं।