अगर आपका सेविंग अकाउंट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), एचडीएफसी बैंक आईसीआईसीआई बैंक जैसे बड़े बैंकों में है, तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है. यह खबर सीधे आपकी जेब और फ्यूचर प्लानिंग से जुड़ी है. हाल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की, जिसके बाद कई बैंकों ने सेविंग अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दरों में भी कटौती कर दी है.
इसका सीधा असर आपकी जमा पूंजी और उस पर मिलने वाले रिटर्न पर पड़ेगा. अगर आपका अकाउंट इन बैंकों में है तो अब यह समझना जरूरी है कि आपकी जमा पूंजी से होने वाली कमाई पहले जैसी नहीं रहेगी.
अकाउंट में 10 हजार हों या 10 करोड़ रुपये मिलेगा समान ब्याज
SBI, HDFC और ICICI बैंक ने अब सेविंग अकाउंट की ब्याज दर को घटाकर समान स्तर पर ला दिया है. यानी अब चाहे आपके खाते में 10 हजार हों या 10 करोड़ रुपये…आपको ब्याज दर एक जैसी ही मिलेगी.चलिए एक-एक करके बताते हैं कौन से बैंक अपने ग्राहकों को अब सेविंग अकाउंट में जमा पैसे पर कितना ब्याज देने वाले हैं…
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
SBI ने 15 जून 2025 से अपनी नई ब्याज दर लागू की है. पहले जहां 10 करोड़ रुपये से कम बैलेंस पर 2.7% और 10 करोड़ से ज्यादा पर 3% ब्याज मिलता था, अब सभी बैलेंस पर एक समान 2.5% सालाना ब्याज मिलेगा.
आईसीआईसीआई बैंक
ICICI बैंक ने 12 जून से सेविंग अकाउंट की ब्याज दरों में बदलाव किया है. पहले आपके अकाउंट में अगर 50 लाख रुपये से कम बैलेंस जमा होता था तो 2.75% और उससे ज्यादा पर 3.25% ब्याज मिलता था. अब चाहे बैलेंस जितना भी हो, सभी को 2.75% सालाना ब्याज ही मिलेगा.
एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank Savings Account Interest Rates)
HDFC बैंक ने भी 10 जून से ब्याज दरें घटा दी हैं. पहले 50 लाख रुपये से कम पर 2.75% और उससे ऊपर पर 3.25% ब्याज मिलता था. अब सभी बैलेंस पर एक जैसी 2.75% ब्याज दर लागू होगी.
इन तीनों बड़े बैंकों के अलावा कुछ और बैंक भी हैं जिन्होंने अपनी ब्याज दरों को अपडेट किया है.आइए उनके नए रेट्स के बारे में भी जान लेते हैं…
इंडसइंड बैंक
इंडसइंड बैंक अब अपने कस्टमर को सेविंग अकाउंट पर 3% से लेकर 5% तक ब्याज दे रहा है, जो आपके अकाउंट बैलेंस के हिसाब से तय होता है. ये नई दरें 16 जून 2025 से लागू हो चुकी हैं.
बैंक ऑफ बड़ौदा (
बैंक ऑफ बड़ौदा की नई ब्याज दरें 12 जून से लागू हैं. यहां सेविंग अकाउंट पर 2.7% से 4.25% तक ब्याज दिया जा रहा है, जो अलग-अलग बैलेंस स्लैब पर आधारित है.
इसका मतलब साफ है कि अगर आपकी आमदनी का एक हिस्सा सेविंग अकाउंट में जमा है और आप उस पर ब्याज से कमाई की उम्मीद कर रहे हैं, तो अब रिटर्न पहले से कम मिलने वाला है.ब्याज दरों में इस तरह की कटौती से आम आदमी की बचत पर असर पड़ना तय है.आने वाले समय में सेविंग पर बेहतर रिटर्न के लिए दूसरे ऑप्शन के बारे में भी सोचना जरूरी है.