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छत्तीसगढ़ में 4th ग्रेड की नौकरी में 1st ग्रेड का घोटाला, मरे हुए 11 कर्मियों का प्रमोशन; सैलरी में करोड़ों का खेल

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छत्तीसगढ़ के आदिम जाति कल्याण विभाग में चतुर्थ श्रेणी (4th Grade Vacancy) की भर्ती में बड़ा घोटाला सामने आया है. जब ऊपर तक शिकायत गई तो विभाग ने जांच कराई. जांच में कई गड़बड़ियां सामने आईं और फिर रायगढ़ के तत्कालीन सहायक आयुक्त अविनाश श्रीवास को निलंबित कर दिया. बाद में यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया. हद तो तब हो गई, जब 10 साल बाद 11 मृतकों को प्रमोशन भी मिल गया. हालांकि इसी वर्ष 9 अप्रैल को मामला विधानसभा में उठा और दोबारा जांच के आदेश दिए गए.

यह है मामला
वर्ष 2013 में रायगढ़ में आदिम जाति कल्याण विभाग में चतुर्थ श्रेणी के 559 पदों (इनमें चपरासी, सफराई कर्मी जैसे पद.) पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था. विभाग ने पद तो 559 निकाले, लेकिन 605 पर नियुक्तियां हुईं. इसके बाद इन्हें वेतन कलेक्टर गाइडलाइन पर होना था, जो 4943 रुपये सैलरी बनती है. लेकिन इनको सैलरी रेगुलर कर्मचारियों की तरह यानी 10890 रुपये की जा रही थी. जब मामले का 18 महीने बाद पता चला तो इन्हें कलेक्टर गाइड लाइन के तौर पर पेमेंट किया जाने लगा.

फिर मामला हो गया शांत
जब तक पता चला तब तक सरकार को 5.71 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका था. विभाग में मामले की कई शिकायतें भी पहुंचीं थीं. बताया गया कि पदों की नियुक्तियों के दौरान गड़बड़ियां हुई हैं. उस दौरान जांच की गई. फिर रायगढ़ के तत्कालीन सहायक आयुक्त अविनाश श्रीवास को निलंबित कर दिया. फिर मामला शांत हो गया.

जब कर्मचारियों को 10 वर्ष हो गए तो उन्हें परमानेंट (नियमित) किया. 2013 में ही रिक्त पदों के अलावा भी अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ती कर ली गई थी और बाद 29 को परमानेंट कर दिया था. हद तो तब हो गई, जब विभाग ने 10 ऐसे कर्माचरियों को प्रमोशन दिया, जिनकी मौत हो चुकी थी.