टीकमगढ़ जिले में एक मां ने अपने 25 दिन की नवजात शिशु को तालाब में मरने के लिए फेंक दिया. मगर जैसे ही इस मां ने अपने बच्चे को मरने तालाब में फेंका , तभी ललन रैकवार नाम का शख्स देवदूत बनकर पहुंच गया और पानी में डूब रहे बच्चे को बचाकर उसने नया जीवन दान दिया.
टीकमगढ़ जिले के बम्होरीकला गांव की रहने बाली मिथला लोधी की शादी दिसम्बर 2024 में बकस्वाहा में हुई थी. लेकिन, शादी के छह माह बाद ही उसने एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया. बताया जाता है कि यह महिला अपने मायके आई थी. यहीं पर बच्चे का जन्म हुआ. इसके बाद महिला अपनी मां के साथ बच्चे को लेकर टीकमगढ आई और मां बेटी ने इस बच्चे को तालाब में मरने के लिए फेक कर भाग गई.
आरोपी महिला को पुलिस ने लिया हिरासत में
हालांकि, जब ये मां-बेची बच्चे को तालाब में फेंक रही थी, तो वहां मौजूद ललन रैकवार की नजर उस पर पड़ गई. इसके बाद रैकवार ने फौरन पानी में कूद कर बच्चे को बचा लिया. इसके बाद उसने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने घटनास्थल पर जाकर आरोपी मां और उसकी मां को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. ससुराल वालों के ताने से तंग आकर उठाया कदम
बच्चे को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है, जहां उसका इलाज जारी है. बच्चा अभी स्वस्थ है. इस बच्चे का इलाज चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर पीएल विश्वकर्मा की देखरेख में की जा रही है. वहीं, पुलिस का कहना रहा कलयुगी मां की उम्र कम दिखाई पड़ रही है, जिसको लेकर उसके आधार कार्ड और अंक सूची की जांच की जा रही है. बच्चे का इलाज गहन शिशु चिकित्सा वार्ड में चल रहा है. आरोपी की मां ने बताया कि ससुराल वालों के तानों से परेशान होकर मिथिला ने इस बच्चे को मरने के लिए तालाब में फेंका था.