मध्यप्रदेश में सत्ता के भीतर उठती असहमति की आवाज़ अब सड़कों तक आ गई है. रायसेन ज़िले के मंडीदीप में भाजपा के भोजपुर विधायक सुरेंद्र पटवा को धरने पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा है. वे खुद बरसते पानी में सड़क पर धरने पर बैठ गए.इसकी वजह पुलिस की कार्यप्रणाली से गहरी नाराज़गी बताई है. इस धरने से करीब दो घंटे तक एनएच 46 पर जाम लगा रहा.धरने में समर्थकों की भारी भीड़ और नारों की गूंज ने साफ कर दिया कि मामला अब सिर्फ प्रशासनिक नहीं – सियासी है, और अंदर ही अंदर कुछ बड़ा पक रहा है.
ये है मामला
यह कोई विपक्षी प्रदर्शन नहीं था, ये विरोध था सत्तारूढ़ पार्टी के अंदर से जब विधायक सुरेंद्र पटवा एसडीओपी शीला सुराणा को हटाने और थाने के स्टाफ में फेरबदल की मांग लेकर धरने पर बैठ गए. विधायक जी सड़क पर बैठे ,समर्थक पीछे खड़े होकर जिला प्रशासन और पुलिस को होश में आने के नारे लगा रहे थे. पूरा मामला बकरा ईद के दो दिन पहले गोरक्षकों पर हुए हमले से जुड़ा हुआ है.पटवा का आरोप है कि घटना के आरोपियों पर अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. और जब अपनी ही सरकार सुनवाई न करे, तो फिर सड़क ही आखिरी सहारा बनती है.
धरने में पटवा समर्थकों ने प्रशासन होश में आने के नारे लगाए, लेकिन पुलिस का पक्ष है कि दोनों पक्षों से गिरफ्तारी हुई है, कुछ आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है.
धरने के बाद पुलिस हरकत में आई. आरोपियों को पकड़ने के लिए 5-5 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की गई. इतना ही नहीं आरोपियों के मकानों पर बुलडोज़र चलाने और जांच की बात भी की जा रही है.