Home देश लेट नाइट पार्टी में गई तो… पुलिस की चेतावनी से मची खलबली,...

लेट नाइट पार्टी में गई तो… पुलिस की चेतावनी से मची खलबली, पैरेंट्स भी देख लें ये पोस्टर

6
0
गुजरात के अहमदाबाद में महिलाओं को सुरक्षा से जुड़ी सलाह देने के नाम पर लगाए गए पोस्टरों पर जबरदस्त विवाद खड़ा कर हो गया है. इन पोस्टरों में लिखा था, ‘लेट-नाइट पार्टी में जाना रेप या गैंगरेप को न्योता दे सकता है.’ इस तरह की भाषा को लेकर पुलिस और सामाजिक संगठनों की तीखी आलोचना हो रही है. हालांकि, मामला सामने आने के बाद पुलिस ने तुंरत इन पोस्टरों को हटवा दिया है. साथ ही पुलिस ने स्वीकार किया है कि पोस्‍टर में इस्‍तेमाल भाषा को स्‍वीकार नहीं किया जा सकता है.
पुलिस की ओर से महिला सुरक्षा को लेकर लगवाए गए एक अन्य पोस्टर पर लिखा था, ‘अंधेरे और सुनसान इलाकों में दोस्तों के साथ न जाएं, आपके साथ रेप या गैंगरेप हो सकता है.’ इस तरह के संदेशों को लेकर सोशल मीडिया पर भारी विरोध शुरू हो गया. पुलिस अधिकारियों ने सफाई देते हुए बताया कि ये पोस्टर ‘सतर्कता’ नामक एक संगठन द्वारा ट्रैफिक जागरूकता के लिए प्रस्तावित किए गए थे. डीसीपी (ट्रैफिक वेस्ट) नीता देसाई और एसीपी (ट्रैफिक एडमिन) शैलेश मोदी ने कहा कि पुलिस को पोस्टर की पूरी सामग्री की जानकारी नहीं थी और जैसे ही विवाद बढ़ा इन्हें तुरंत हटवा दिया गया.

पुलिस ने झाड़ा पल्‍ला

वहीं, पुलिस ने इस विवाद से अपना पल्‍ला झाड़ने की कोशिश की है. एसीपी (ट्रैफिक) एनएन चौधरी ने कहा, ‘हमने इस तरह की भाषा की अनुमति कभी नहीं दी थी.’ स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता इस प्रकरण से आहत हैं. घाटलोडिया निवासी एक महिला भूमि पटेल ने कहा, ‘इस तरह के संदेश महिलाओं को दोषी ठहराते हैं, जबकि असल जिम्मेदारी सिस्टम की होती है.’ बोडकदेव की फिटनेस ट्रेनर ने इसे ‘मोरल पुलिसिंग’ करार देते हुए कहा कि यह पोस्टर महिला सुरक्षा का मजाक उड़ाते हैं.
बता दें कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर समय-समय पर कैंपेन चलाए जाते हैं. पुलिस प्रशासन इसमें गैरसरकारी संस्‍थाओं का सहयोग भी लिया जाता है. अहमदाबाद के इस बार के पोस्‍टर कैंपेन में भी एनजीओ की मदद ली गई थी, पर जिस तरह से महिला सेफ्टी के लिए शब्‍दों का चयन किया गया, उससे बवाल मच गया. मह‍िलाओं ने खासकर नाराजगी जताई है. नेहरू नगर निवासी एक महिला ने कहा, ‘इन पोस्टरों से वह मानसिकता उजागर होती है जो पीड़िता को दोष देती है और सुरक्षा में चूक के लिए जिम्मेदार संस्थाओं को बचा लेती है.’ इस विवाद ने एक बार फिर महिला सुरक्षा के नाम पर दी जा रही ‘नसीहतों’ के तरीके और उनके पीछे की सोच को कठघरे में खड़ा कर दिया है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here