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‘अहमदाबाद एयरपोर्ट पर आत्माएं… इंडिया इंडिया प्लेन क्रैश पर ये कैसा दावा, वीडियो देखकर चौंके लोग

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‘अहमदाबाद एयरपोर्ट पर आत्माएं… इंडिया इंडिया प्लेन क्रैश पर ये कैसा दावा, वीडियो देखकर चौंके लोगअहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के तुरंत बाद क्रैश हुए एयर इंडिया के विमान की यादें आज भी लोगों के जहन में ताजा हैं. जून में हुए इस विमान हादसे में 270 लोगों की जान चली गई थी. इस भीषण त्रासदी के कारणों को लेकर कई सवालों के जवाब अब भी नहीं मिल पाए हैं. हालांकि इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक बेहद अजीबोगरीब दावा किया गया है.
वायरल हो रहे इस वीडियो में खुद को ‘पिछले जन्म का एक्सपर्ट’ बताने वाले संजीव मलिक यह दावा करते नजर आ रहे हैं कि एयर इंडिया हादसे में मारे गए यात्रियों की आत्माएं अब भी अहमदाबाद एयरपोर्ट पर ‘अटकी’ हुई हैं. उन्होंने गुजरात के लोगों से अपील की है कि इन आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना सभा आयोजित की जाए.

वीडियो देखकर भड़के लोग

इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं दो खेमों में बंटी दिखीं. एक वर्ग ने मलिक के दावे को स्वीकार करते हुए लिखा, ‘मैं उनसे सहमत हूं, यह बात अजीब लग सकती है लेकिन कर्म का प्रभाव ऐसी घटनाओं में होता है.
वहीं दूसरी ओर कई लोगों ने इस दावे की तीखी आलोचना की. एक यूज़र ने टिप्पणी की, ‘प्लीज ऐसी अफवाहें न फैलाएं, सरकार को इस जगह का पुनर्निर्माण करना चाहिए और छात्रों को दोबारा यहां लाना चाहिए.’ एक अन्य ने तीखी टिप्पणी करते हुए लिखा, ‘प्लीज इस तरह की घृणित बातें फैलाना बंद करें.’
एक यूज़र ने व्यंग्य में लिखा, ‘आपको किस आत्मा ने बताया? आत्माएं खुद आकर इंटरव्यू देने लगी हैं क्या?’ वहीं एक रेस्क्यू वॉलंटियर ने लिखा, ‘माफ कीजिए, लेकिन मैंने दो सप्ताह वहां आपदा प्रबंधन टीम के साथ काम किया है, वहां ऐसी कोई बात नहीं है, अंधविश्वास फैलाना बंद कीजिए.’

क्या है कि संविधान का अनुच्छेद 51A(h)?

इस वीडियो के विरोध में कुछ लोगों ने संविधान का भी हवाला दिया. एक कमेंट में लिखा गया, ‘अनुच्छेद 51A(h) ने इस कमेंट सेक्शन को छोड़ दिया है.’
अनुच्छेद 51A(h) भारतीय संविधान के 11 मौलिक कर्तव्यों में से एक है, जो प्रत्येक नागरिक से ‘वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवतावाद और सुधार की भावना’ विकसित करने की अपेक्षा करता है. यह गैर-न्यायिक होते हुए भी यह दर्शाता है कि राज्य अपने नागरिकों से तर्क और विज्ञान आधारित सोच की अपेक्षा करता है.
यह वीडियो और उस पर आई प्रतिक्रियाएं एक बार फिर इस बहस को हवा देती हैं कि विज्ञान और विश्वास के बीच समाज किस दिशा में झुक रहा है. आत्मा, पुनर्जन्म और कर्म जैसे विषयों पर लोगों की सोच आज भी बंटी हुई है. लेकिन क्या सार्वजनिक मंचों पर ऐसे दावे करना सही है, या यह समाज में भ्रम और अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं- यह बहस फिर से गहराती दिख रही है.

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