Krishna Janmashtami 2025: भगवान के जन्म के समय कृतिका नक्षत्र है, जो कि शुभदायी है, अर्थात जन्माष्टमी महोत्सव 16 अगस्त शनिवार को अष्टमी और नवमी तिथि की युति में मनाई जाएगी। सावन मास में महीनेभर तक शहर के शिवालय आस्था से छलके। अब शहर के राधाकृष्ण मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव की तैयारियां चल रही हैं। फूलों के झूले सज गए हैं। महिला मंडलियां राधारानी को उस झूले पर झुलाते हुए मंगल गीत गा रही हैं। 16 अगस्त को आधी रात शहरभर में नंद घर आनंद भयो की धूम रहेगी। महोत्सव को लेकर समितियों में अच्छा खासा माहौल है। राधाकृष्ण के लिए मथुरा वृंदावन से पोशाक मंगवाई गई है।
Krishna Janmashtami 2025: जन्माष्टमी महोत्सव का दुर्लभ संयोग
शास्त्रों के अनुसार, द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्र कृष्णपक्ष अष्टमी तिथि को आधी रात रोहिणी नक्षत्र में हुआ है। जब ये दोनों संयोग होते तो उसे जन्म जयंती योग कहा जाता है। यह दुर्लभ संयोग कभी-कभी बनता है। शंकराचार्य आश्रम के ज्योतिषी स्वामी इंदुभवानंद तीर्थ महाराज बताते हैं कि भगवान के जन्म के समय जयंती योग का संयोग नहीं है। इस बार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के समय न तो अष्टमी तिथि रहेगी और न ही रोहिणी नक्षत्र। भगवान के जन्म के समय कृतिका नक्षत्र है, जो कि शुभदायी है, अर्थात जन्माष्टमी महोत्सव 16 अगस्त शनिवार को अष्टमी और नवमी तिथि की युति में मनाई जाएगी।