छत्तीसगढ़ में एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा जोरों पर है। 21 अगस्त को मुख्यमंत्री जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा पर रवाना होंगे, उनके दौरे से पहले एक बार फिर विस्तार की सुगबुगाहट तेज हो गई है। ऐसे में सवाल है कि जिन नामों पर कयास महीनों से लग रहे है उन्हें मौका मिलेगा या मुख्यमंत्री ऐसे नामों की घोषणा करंगे जो सबको चौंका दे।
मुख्यमंत्री ने ये जरूर कहा कि जल्द मंत्रिमंडल विस्तार होगा, लेकिन कब होगा, उसकी तारीख नहीं बताई। वैसे सूबे में चर्चा है कि हरियाणा के फार्मूले पर मंत्रियों की संख्या 13 हो सकती है। वर्तमान में 10 मंत्री कार्यरत है। अगर तीन मंत्री बनाए जाएंगे तो एक अन्य पिछड़ा वर्ग, एक अनुसूचित जाति और एक सामान्य वर्ग से बनाए जा सकते है। अब सवाल है कि ओबीसी वर्ग मेें किसका दावा मजबूत है। इसमें यादव समाज को साधने के लिए दुर्ग के विधायक गजेंद्र यादव को मंत्री बनाया जा सकता है। उनका पारिवारिक बैकग्राउंड भी आरएसएस से है।
इसी तरह अनुसूचित जाति से अगर किसी को मंत्री पद सौंपा जाता है तो सतनामी गुरु खुशवंत को मौका मिल सकता है। खुशवंत रायपुर संभाग के आरंग से विधायक हैं। इस संभाग से अभी केवल मंत्री टंकराम वर्मा ही है। इससे पहले यहां से बृजमोहन अग्रवाल भी मंत्री रहे हैं। इस स्थिति में रायपुर संभाग को तवज्जो देने के साथ ही एससी वर्ग को साधने के लिए गुरु खुशवंत को मौका मिल सकता है। इसी तरह सामान्य वर्ग में से पार्टी किसी को मौका देती है तो बिलासपुर संभाग से पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल रायपुर संभाग से पूर्व मंत्री राजेश मूणत और सरगुजा संभाग से राजेश अग्रवाल का नाम सबसे आगे चल रहा है। वैसे इन नामों पर सिर्फ कयास ही लग रहे हैं। खाली पदों पर किसकी लॉटरी लगती है ये तो तब साफ होगा। जब मुख्यमंत्री नामों का ऐलान करेंगे।