अभियान के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य, जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर चरणबद्ध रूप से आयोजित किए जाएंगे. आइए जानते हैं इससे जुड़ी पूरी डिटेल…
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत जनजातीय परिवारों को मूलभूत सुविधाओं से लाभान्वित किया जाना है, अतः इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए. इस अभियान के अंतर्गत राज्य के 28 जिलों, 128 विकासखंडों और 6,650 आदिवासी बहुल ग्रामों को शामिल किया गया है.
अभियान के संचालन के लिए ग्राम स्तर पर 1,33,000 से अधिक कैडर (एनजीओ, स्वयंसेवी, पंचायत प्रतिनिधि, युवा एवं सेवाभावी संगठन) तैयार किए जाएंगे. ये कैडर आवास, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन तथा ग्राम विकास की योजना निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
अभियान के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य, जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर चरणबद्ध रूप से आयोजित किए जाएंगे. प्रत्येक चयनित ग्राम में “आदि सेवा केंद्र” की स्थापना की जाएगी, जो शासकीय सेवाओं की प्रदायगी और जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने का केंद्र बनेगा. पूरे अभियान के दौरान ‘आदि सेवा केंद्र’ के माध्यम से ‘सेवा पर्व’ और ‘आदि कर्मयोगी सेवा अभियान’ का संचालन किया जाएगा. इस कार्य में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी.
आदिम जाति विकास और अनुसूचित जाति विकास विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग द्वारा निर्धारित विस्तृत दिशा-निर्देशों के अनुसार जिलों में एनजीओ, सीएसओ और स्थानीय वालंटियर्स का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा. साथ ही ग्रामों के “ट्राइबल विलेज विजन 2030” का निर्माण भी किया जाएगा. इस दौरान शिकायत निवारण शिविर, जनजागरूकता अभियान और “आदिवासी सेवा दिवस” का आयोजन किया जाएगा.