छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के एक सुदूर गांव में स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने वाले व्यक्ति की नक्सलियों ने हत्या कर दी. नक्सलियों ने पुलिस मुखबिर होने के शक में उसको पकड़ा और बेरहमी से मार दिया. पीड़ित की पहचान छोटेबेटिया पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत बिनगुंडा गांव के मनीष नुरेती के रूप में की. सोमवार (18 अगस्त) को नक्सलियों का एक ग्रुप हथियारों के साथ गांव में पहुंचा और नुरेती और दो अन्य को अपने साथ ले गया.
नक्सलियों ने एक एक जन अदालत लगाई जहां नुरेती को मार दिया, जबकि बाकी दो को पिटाई के बाद रिहा कर दिया, माओवादियों ने एक पोस्टर लगाकर दावा किया कि नुरेती पुलिस का मुखबिर था. हालांकि, यह सच नहीं है. कांकेर जिले के पुलिस अधीक्षक आईके एलेसेला ने कहा कि नुरेती का शव अभी बरामद नहीं हुआ है. उसके परिजनों से संपर्क किया जा रहा है. नक्सली अक्सर बिनगुंडा गांव आते रहते हैं.
मृतक का पुलिस के साथ नहीं था कोई संबंध
पिछले डेढ़ साल में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिर होने का आरोप लगाकर चार-पांच लोगों की हत्या कर दी है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मृतकों में से किसी का भी पुलिस से कोई संबंध नहीं था. बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए बताया, “एक छोटा वीडियो भी सामने आया है जिसमें मनीष नुरेटी स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेते दिख रहे हैं.”
राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने से नाराज थे नक्सली
आईजी ने कहा कि हत्या की जांच की जा रही है और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में बच्चों समेत कुछ ग्रामीणों को ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए तिरंगा फहराते हुए दिखाया गया है.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि नक्सली 15 अगस्त को गांव में राष्ट्रीय ध्वज फहराने को लेकर नुरेटी और कुछ अन्य लोगों से नाखुश थे. उन्होंने बताया कि नुरेती वीडियो में दिख रहे ग्रामीणों में से एक था.