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“छत्तीसगढ़ में मौसम का कहर: बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दाब से भारी बारिश और बाढ़ का खतरा”

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“छत्तीसगढ़ में मौसम का कहर: बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दाब से भारी बारिश और बाढ़ का खतरा”

छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ दिनों से मौसम की मार लगातार जारी है। दक्षिणी ओड़िसा के पास बंगाल की खाड़ी में बनी निम्न दाब की स्थिति का प्रभाव प्रदेश के मौसम पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार, इस स्थिति के कारण पिछले 3-4 दिनों से प्रदेश के दक्षिणी जिलों में लगातार भारी बारिश हो रही है, जिससे कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।

मौसम विभाग ने बताया कि इस निम्न दाब की वजह से प्रदेश में मानसून की सक्रियता बढ़ गई है।

रायगढ़, बलरामपुर, दंतेवाड़ा और जगदलपुर जैसे जिलों में पिछले दिनों हुई तेज बारिश ने नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ा दिया है। कई ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्र पानी में डूब गए हैं, जिससे स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमों की सक्रियता बढ़ गई है। स्थानीय लोगों के अनुसार, बाढ़ के कारण कई सड़कों और पुलों पर आवागमन प्रभावित हुआ है। ग्रामीण इलाकों में पानी भर जाने से किसानों की फसलें भी जलमग्न हो गई हैं। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में राहत शिविरों की व्यवस्था शुरू कर दी है और बचाव कार्य में सेना और एनडीआरएफ की टीमों को भी तैनात किया गया है।

मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों के दौरान भी प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई है।

”रायपुर समेत अन्य प्रमुख शहरों में भी बौछारों का प्रभाव दिख सकता है।

विभाग ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे नदी और नाले के किनारे जाने से बचें और प्रशासन की जारी की गई चेतावनियों का पालन करें।”

”विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बन रहे निम्न दाब के कारण मौसमी अस्थिरता बढ़ रही है। यह स्थिति मानसून की सक्रियता को बढ़ा रही है और आने वाले दिनों में दक्षिणी और मध्य छत्तीसगढ़ के जिलों में और बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है तो कुछ क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा और गंभीर हो सकता है।”

”प्रशासन ने प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है। उन्होंने ग्रामीणों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और घरों के आसपास के पानी के निकास की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। इसके साथ ही, आवश्यक सामान और दवाओं की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जा रही है।”

”स्थानीय प्रशासन का कहना है कि मौसम की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और लोगों को समय-समय पर अलर्ट किया जाएगा। इस बीच, नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे सोशल मीडिया और स्थानीय समाचार चैनलों के जरिए जारी चेतावनियों पर ध्यान दें।”

”अधिकारियों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में निम्न दाब की स्थिति फिलहाल सक्रिय है, लेकिन आने वाले 2-3 दिनों में इसका असर कम होने की संभावना है। तब तक सभी संबंधित एजेंसियां और प्रशासनिक विभाग 24 घंटे तैयार रहेंगे।”

”छत्तीसगढ़ के मौसम पर यह प्रभाव यह दिखाता है कि प्राकृतिक परिस्थितियां किस प्रकार स्थानीय जीवन और कृषि पर असर डाल सकती हैं। ऐसे समय में प्रशासन और नागरिकों के समन्वित प्रयास ही जान-माल की हानि को कम करने में मददगार साबित होंगे।”