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निर्माण घोटाले में ED का एक्शन, मुंबई से सटे वसई-विरार इलाके में हुए निर्माण घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई..

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निर्माण घोटाले में ED का एक्शन, मुंबई से सटे वसई-विरार इलाके में हुए निर्माण घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई..

मुंबई से सटे वसई-विरार इलाके में हुए निर्माण घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है. इस कार्रवाई से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है. सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल 75 से 80 लोगों को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है.

मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला 2009 से चल रहा है. इस मामले में खुलासा हुआ है कि वसई-विरार इलाके में अधिकतर निर्माण अवैध और सरकरी जमीन पर किए गए हैं.

जानकारी के अनुसार, वसई-विरार इलाके के कई नामी बिल्डर, आर्किटेक्ट, पूर्व नगर निगम अधिकारी और वर्तमान नगर निगम अधिकारी इसमें शामिल हैं. सभी संबंधित लोगों को शनिवार और रविवार को पूछताछ के लिए पेश होने का आदेश दिया गया है.

क्या है मामला? वसई-विरार नगर निगम (वीवीएमसी) के अधिकार क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में हुए अवैध निर्माणों का मामला अब एक नया मोड़ ले रहा है. मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला 2009 से चल रहा है और इस मामले में खुलासा हुआ है कि 41 आवासीय और व्यावसायिक इमारतें अवैध रूप से बनाई गई हैं. ये निर्माण अधिकतर सरकारी और निजी जमीन पर किए गए हैं, और यह भी पता चला है कि इसमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और डंपिंग ग्राउंड के लिए आरक्षित 60 एकड़ जमीन का भी इस्तेमाल किया गया है.

ईडी को आरोप मिले थे कि कुछ बिल्डरों और आर्किटेक्ट्स ने नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से लाखों-करोड़ों के लेन-देन किए हैं. इसी के चलते अब इस मामले की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है और सीधी पूछताछ के दौर में पहुंच गई है.

जांच से सामने आएगी सच्चाई इस कार्रवाई ने नागरिकों में उत्सुकता पैदा कर दी है. नागरिक यह सवाल पूछने लगे हैं कि क्या अवैध निर्माण की अनुमति देने वाले अधिकारियों के खिलाफ आखिरकार कड़ी कार्रवाई की जाएगी? पिछले कुछ सालों में वसई-विरार क्षेत्र में अनधिकृत निर्माणों में तेजी से हुई वृद्धि ने बुनियादी सुविधाओं, सड़कों, जलापूर्ति और परिवहन व्यवस्था पर भारी दबाव डाला है. इसलिए आम लोगों को उम्मीद है कि इस जांच से असली सच्चाई सामने आएगी. सूत्रों के अनुसार, इस सप्ताह के अंत तक होने वाली जांच से कई चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है. यदि आरोपी दोषी पाया जाता है, तो न केवल वित्तीय लेन-देन, बल्कि भविष्य में निर्माण परमिट देने की पूरी प्रक्रिया भी जांच के दायरे में आ सकती है.