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“1396 करोड़ के लोन फर्जीवाड़े का खुलासा: ओडिशा में ईडी की बड़ी कार्रवाई, महंगी गाड़ियां-ज्वेलरी बरामद”

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“1396 करोड़ के लोन फर्जीवाड़े का खुलासा: ओडिशा में ईडी की बड़ी कार्रवाई, महंगी गाड़ियां-ज्वेलरी बरामद”

ओडिशा में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत एक बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों की संपत्तियां, लक्ज़री गाड़ियां और ज्वेलरी बरामद की हैं. यह छापेमारी शंक्ति रंजन दास के घर और उनकी कंपनियों अनमोल माइन्स प्राइवेट लिमिटेड (AMPL) और अनमोल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड (ARPL) के दफ्तरों पर की गई.

देश के बड़े बैंक फ्रॉड मामलों में है ये मामला ईडी की यह कार्रवाई देश के सबसे चर्चित बैंक फ्रॉड मामलों में से एक इंडियन टेक्नोमैक कंपनी लिमिटेड (ITCOL) से जुड़ी है. जांच एजेंसी के मुताबिक, 2009 से 2013 के बीच ITCOL और इसके डायरेक्टर्स ने बैंकों से करीब 1396 करोड़ रुपये का लोन फर्जी तरीके से लिया. बाद में इस पैसे को शेल कंपनियों के ज़रिए इधर-उधर कर दिया गया ताकि इसका वास्तविक इस्तेमाल छिपाया जा सके.

ईडी ने इस मामले में पहले ही 310 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की थी, जिसमें से 289 करोड़ रुपये अप्रैल 2025 में बैंकों को वापस दिलवाए गए. लेकिन जांच अब भी जारी है, और एजेंसी को शक है कि इस घोटाले की परतें और गहरी हो सकती हैं.

काले धन को सफेद बनाने का खेल ईडी की शुरुआती जांच में पता चला है कि ITCOL ने अपनी शेल कंपनियों के माध्यम से 59.80 करोड़ रुपये ओडिशा स्थित अनमोल माइन्स प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर किए. आरोप है कि AMPL के एमडी शंक्ति रंजन दास ने ITCOL के प्रमोटर राकेश कुमार शर्मा की मदद की और बैंक लोन से प्राप्त रकम को माइनिंग बिज़नेस में निवेश कर उसे वैध दिखाने की कोशिश की.

इस तरीके से न सिर्फ काले धन को वैध बनाया गया, बल्कि बैंक फ्रॉड के पैसे से माइनिंग और अन्य कारोबार खड़ा करने की साज़िश भी की गई.

छापेमारी में मिली लक्ज़री लाइफ़स्टाइल की झलक ईडी की तलाशी के दौरान जो संपत्तियां और सामान बरामद किए गए, उनमें महंगी गाड़ियां, ज्वेलरी और नकदी शामिल हैं.

10 लक्ज़री गाड़ियां और 3 सुपरबाइक (कुल कीमत 7 करोड़ रुपये से ज्यादा)

बाइक समेत अन्य महंगी गाड़ियां और बाइक्स 1.12 करोड़ रुपये की ज्वेलरी 13 लाख रुपये नकद ज़मीन-जायदाद से जुड़े अहम दस्तावेज़ 2 लॉकर भी फ्रीज़ किए गए ईडी अधिकारियों का कहना है कि बरामद गाड़ियां और ज्वेलरी इस बात का सबूत हैं कि लोन की रकम का इस्तेमाल नाजायज तरीके से विलासिता की जिंदगी जीने में भी किया गया.

जांच में और बड़े खुलासों की उम्मीद ईडी ने साफ किया है कि यह छापेमारी जांच का शुरुआती चरण है. बरामद दस्तावेजों और डिजिटल डेटा की पड़ताल के बाद आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं. एजेंसी अब ITCOL, AMPL और इससे जुड़ी अन्य कंपनियों के वित्तीय लेनदेन की गहन जांच कर रही है.