बीती रात जब आप सो रहे थे तब राजधानी दिल्ली की धरती भूकंप के तेज झटकों से दहल उठी. ये झटके इतने तेज थे कि आधी रात में ही लोगों को घर से बाहर भागना पड़ा. इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में था, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्कैक पर 6.0 थी. इस भूकंप की वजह से अफगानिस्तान में 20 लोगों की मौत हुई है. कई अन्य लोग घायल बताए जा रहे हैं. मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई गई है.
भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के पाकिस्तान सीमा के पास नंगरहार प्रांत में था. अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार भूकंप जलालाबाद से 27 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में 8 किलोमीटर की गहराई पर आया. यह भूकंप स्थानीय समयानुसार रात 11:47 बजे आया. USGS के मॉडल अनुमान के अनुसार इस भूकंप से सैकड़ों लोगों की मौत हो सकती है और व्यापक क्षति होने की आशंका है. USGS के अनुसार लगभग पांच लाख लोग इस भूकंप से प्रभावित हुए, जिन्हें मध्यम से बहुत तीव्र झटके महसूस हुए. इस तरह के झटके कमजोर संरचनाओं को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं.
भारी नुकसान की आशंका
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार नंगरहार प्रांत के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता अजमल दरवेश ने बताया कि भूकंप में कम से कम नौ लोगों की मौत हुई और 25 अन्य घायल हुए हैं. हालांकि, मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि बचाव कार्य जारी है. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि दुर्भाग्यवश आज रात के भूकंप से हमारे कुछ पूर्वी प्रांतों में मानवीय और आर्थिक नुकसान हुआ है. उन्होंने आगे बताया कि स्थानीय अधिकारी और निवासी प्रभावित लोगों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.
राजधानी काबुल और आसपास के प्रांतों से सहायता टीमें भी प्रभावित क्षेत्रों की ओर रवाना हो चुकी हैं. मुजाहिद ने कहा कि बचाव और राहत कार्यों के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया जाएगा. भूकंप के लगभग 20 मिनट बाद उसी क्षेत्र में 4.5 तीव्रता का एक आफ्टरशॉक आया, जिसकी गहराई 10 किलोमीटर थी. इसके बाद 5.2 तीव्रता का एक और आफ्टरशॉक दर्ज किया गया.
USGS के PAGER सिस्टम ने इस भूकंप के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया, जो आर्थिक और मानवीय नुकसान की भविष्यवाणी करता है. अलर्ट में कहा गया कि इस स्तर के भूकंपों में व्यापक तबाही की संभावना होती है और क्षेत्रीय या राष्ट्रीय स्तर पर सहायता की आवश्यकता पड़ सकती है.



