“Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष में इन दालों का सेवन करने से बचें, जानें धार्मिक महत्व और नियम”
साल 2025 में पितृपक्ष की शुरुआत 7 सितंबर, रविवार के दिन से हो रही है. पितृपक्ष पूरे 15 दिन तक चलते हैं यानी भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से अमावस्या तिथि तक. इस दौरान पितरों का श्राद्ध कर्म किया जाता है.
जिन दल को पितृपक्ष के दौरान खाने पर मनाही होती है वह तामसिक गुणों से युक्त होती है और श्राद्ध के दौरान पवित्रता को भंग करती हैं इसलिए इन दल को खाने से परहेज करनी चाहिए.
मसूर दाल की दाल का सेवन पितृपक्ष के दौरान नहीं करना चाहिए. मसूर दाल को शास्त्रों में तामसिक भोजन माना गया है. इसका सेवन पवित्रता को भंग करता है और पितृ दोष का कारण बन सकता है.
उड़द दाल की दाल भी तामसिक गुणों वाली मानी जाती है, जिसके सेवन से पितरों की आत्मा को तृप्ति नहीं मिलती और श्राद्ध का फल प्रभावित हो सकता है. इसीलिए उड़द की दाल का सेवन ना करें.
चना और इससे बने उत्पाद, जैसे सत्तू, बेसन को पितृ पक्ष में खाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह पवित्रता को कम करता है और पितरों को अप्रसन्न कर सकता है.