GST का इतिहास और विश्वभर में इसका विस्तार भारत में GST लागू होने से पहले, दुनिया के कई देशों में यह प्रणाली पहले से ही मौजूद थी। जानें सबकुछ…
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुड्स और सर्विसेज टैक्स (GST) के स्लैब में महत्वपूर्ण बदलाव का ऐलान किया है। अब 12 फीसदी और 28 फीसदी के स्लैब को समाप्त करके केवल 5 फीसदी और 18 फीसदी कर दिया गया है।
यह नया बदलाव 22 सितंबर से लागू होगा। भारत में GST की शुरुआत 1 जुलाई 2017 से हुई थी, जिसे महंगाई कम करने, टैक्स कलेक्शन बढ़ाने, टैक्स चोरी रोकने और देश की GDP में वृद्धि लाने के उद्देश्य से लागू किया गया था।
“71 साल पहले ही लागू हो चुका था GST, ऐसा करने वाला बना था पहला देश”
दुनिया का पहला देश जिसने GST लागू किया, वह था फ्रांस। फ्रांस ने 1954 में GST लागू किया था। उस समय फ्रांस में कर प्रणाली बहुत जटिल और बिखरी हुई थी, जिसमें कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय अप्रत्यक्ष कर लागू थे। इससे कारोबार पर बोझ बढ़ता था और टैक्स चोरी की संभावनाएं भी अधिक थीं। इसलिए फ्रांस ने एक समेकित टैक्स प्रणाली अपनाने के लिए GST लागू किया, जिससे कर प्रणाली सरल, स्थिर और भरोसेमंद बनी।
दुनिया के अन्य देशों में GST का स्वरूप
न्यूजीलैंड: यहां GST 1986 में शुरू हुआ था। 1989 से 2010 तक इसकी दर 12.5% थी, जिसे बाद में 15% कर दिया गया। GST न्यूजीलैंड के कुल कर संग्रह का लगभग 31.4% हिस्सा बनता है।
कनाडा: जनवरी 1991 में GST लागू हुआ। संघीय GST की दर 5% है, जबकि प्रांत स्तर पर अलग-अलग 6% से 7% के बीच प्रांतीय बिक्री कर (PST) लगाया जाता है। कुछ आवश्यक वस्तुएं और सेवाएं जैसे किराने का सामान, डॉक्टर की दवाएं, और निर्यात GST मुक्त हैं। वार्षिक 30,000 कनाडाई डॉलर से अधिक कारोबार वाले व्यवसायों के लिए पंजीकरण अनिवार्य है।
ऑस्ट्रेलिया: GST 2000 में लागू हुआ और वर्तमान दर 10% है। भोजन, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा और सरकारी शुल्क कर मुक्त हैं।
मालदीव: GST अक्टूबर 2011 में लागू हुआ। मानक दर 8% है। वार्षिक कर योग्य आपूर्ति 1 मिलियन MVR से अधिक होने पर पंजीकरण जरूरी है।
पापुआ न्यू गिनी: यहां की GST दर 10% है, लेकिन निर्यात और कुछ सेवाएं छूट प्राप्त हैं। वार्षिक 2,50,000 KN से अधिक कारोबार करने वालों को GST पंजीकरण कराना अनिवार्य है।