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उपराष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद सीपी राधाकृष्णन ने बताया अपना लक्ष्य, विपक्ष को दिया बड़ा संदेश…

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मंगलवार (9 सितंबर) को सीपी राधाकृष्णन ने देश के15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. शपथ के बाद उन्होंने राष्ट्र के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और लोकतंत्र में सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष के बीच स्वस्थ संतुलन बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया.

अपनी जीत के बाद राधाकृष्णन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘नई भूमिका में, मैं राष्ट्र के विकास के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगा.’ उन्होंने आगे कहा, ‘लोकतंत्र में सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष दोनों महत्वपूर्ण हैं। यह एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. लोकतंत्र के हित को ध्यान में रखा जाएगा.’

उपराष्ट्रपति पद की जिम्मेदारियों पर विचार करते हुए, राधाकृष्णन ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में प्रत्येक पद महत्वपूर्ण होता है और इसके साथ कुछ सीमाएं भी होती हैं. उन्होंने कहा, ‘प्रत्येक पद महत्वपूर्ण है, और प्रत्येक पद की अपनी सीमाएं हैं. हमें यह समझना होगा कि हमें उस ढांचे के भीतर काम करना है.’ चुनाव परिणाम पर टिप्पणी करते हुए, उन्होंने उल्लेख किया कि हालांकि विपक्षी इंडिया गठबंधन ने इस प्रतिस्पर्धा को वैचारिक लड़ाई करार दिया था लेकिन परिणामों ने राष्ट्रीय मूल्यों की व्यापक स्वीकृति को दर्शाया.

विपक्ष को सीपी राधाकृष्णन का बड़ा संदेश राधाकृष्णन ने आगे कहा, ‘दूसरे पक्ष (इंडिया गठबंधन) ने कहा कि यह एक वैचारिक लड़ाई है, लेकिन मतदान के पैटर्न से हमें यह समझ में आता है कि राष्ट्रीय विचारधारा विजयी हुई है.’ वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के विजन का जिक्र करते हुए राधाकृष्णन ने कहा, ‘हमें सबको मिलकर काम करना होगा. अगर हम 2047 तक विकसित भारत चाहते हैं तो हमें हर चीज में राजनीति नहीं करनी चाहिए. एक बार चुनाव खत्म हो जाए, हमें राजनीति भूलकर विकास पर ध्यान देना होगा…’

सीपी राधाकृष्णन ने जस्टिस बी सुदर्शन को 152 वोटों से हराया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी में नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की और उन्हें उनकी जीत पर बधाई दी. प्रधानमंत्री मोदी के साथ केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, प्रल्हाद जोशी और जेपी नड्डा भी थे. राधाकृष्णन ने मंगलवार को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों से हराया. उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 98.20 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें 781 सांसदों में से 767 ने अपने मत डाले. एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को 452 पहली वरीयता के मत मिले जबकि इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को 300 पहली वरीयता के मत प्राप्त हुए.

15 वोट अवैध करार दिए गए पंद्रह मत अवैध माने गए। राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को 452 पहली वरीयता के मत मिले. उन्हें भारत का उपराष्ट्रपति चुना गया है… विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार जस्टिस सुदर्शन रेड्डी को 300 पहली वरीयता के मत प्राप्त हुए.’ उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 13 सांसदों ने मतदान से परहेज किया. इनमें सात सांसद बीजू जनता दल से, चार भारत राष्ट्र समिति से, एक सांसद शिरोमणि अकाली दल से और एक स्वतंत्र सांसद शामिल हैं. उपराष्ट्रपति का पद 21 जुलाई, 2025 से खाली था, क्योंकि जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

कौन हैं सीपी राधाकृष्णन? इसके पहले सीपी राधाकृष्णन 31 जुलाई 2024 से महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल के रूप में कार्यरत थे. उनको एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया था. उन्होंने इससे पहले फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया था. उन्होंने मार्च और जुलाई 2024 के बीच तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में भी अतिरिक्त प्रभार संभाला था. राधाकृष्णन ने पहले भी झारखंड, तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में कार्य किया था. कोयंबटूर से दो बार सांसद रहे राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर, 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ था.