मणिपुर में दो साल पहले भड़की जातीय हिंसा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को पहली बार चुराचांदपुर पहुंचे और वहां राहत शिविरों में विस्थापित लोगों से मुलाकात की। यह इलाका हिंसा का केंद्र रहा था, जहां मई 2023 में मेइती और कुकी समुदायों के बीच झड़पें हुई थीं।
पीएम मोदी भारी बारिश के कारण हवाई मार्ग से नहीं जा सके और 65 किमी का सफर सड़क मार्ग से तय कर चुराचांदपुर पहुंचे। उन्होंने यहां बुजुर्गों और बच्चों से बातचीत की। उनके साथ राज्यपाल अजय कुमार भल्ला भी मौजूद रहे।
इसी दौरान प्रधानमंत्री ने 14 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया, जिनकी कुल लागत 7,300 करोड़ रुपये है। इनमें ड्रेनेज सिस्टम, महिला छात्रावास, स्कूल और सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल जैसी परियोजनाएं शामिल हैं।
आपको बता दें कि मणिपुर में 3 मई 2023 को चुराचांदपुर में एक रैली के दौरान हिंसा भड़की थी। अब तक 260 लोगों की मौत हो चुकी है और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। हिंसा की पुनरावृत्ति और अस्थिरता के चलते मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था और 13 फरवरी 2025 से राष्ट्रपति शासन लागू है। यहां कुकी समुदाय हिल जिलों को अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग कर रहा है, जबकि मेइती समुदाय इंफाल घाटी में बहुसंख्यक है।
प्रधानमंत्री इसके बाद इंफाल भी जाएंगे, जहां वे मेइती समुदाय से विस्थापित लोगों से मुलाकात करेंगे। यहां 1,200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और ऐतिहासिक कांगला किले से जनसभा को संबोधित करेंगे।
कांग्रेस ने पीएम मोदी की इस यात्रा को दिखावा करार दिया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, “मणिपुर लंबे समय से जल रहा है, अब जाकर प्रधानमंत्री का दौरा कोई बड़ी बात नहीं।” जयराम रमेश ने आरोप लगाया, “लोग 29 महीने से इंतजार कर रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री सिर्फ तीन घंटे रुकेंगे। यह शांति का प्रयास नहीं बल्कि एक नाटक है।”