राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने खालिस्तानी आतंकवादी और प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ नया मामला दर्ज किया है. पन्नू पर आरोप है कि उसने इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लाल किले पर तिरंगा फहराने से रोकने के लिए 11 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था.
यह एफआईआर 19 अगस्त को गृह मंत्रालय के निर्देश पर दर्ज की गई है. इसमें पन्नू पर भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने और सिख समुदाय में भारत के खिलाफ असंतोष फैलाने के आरोप लगाए गए हैं.
लाहौर प्रेस क्लब से ऐलान
एनआईए की एफआईआर के अनुसार, 10 अगस्त को पाकिस्तान के लाहौर प्रेस क्लब में आयोजित एक ‘मीट द प्रेस’ कार्यक्रम के दौरान पन्नू ने वाशिंगटन से वीडियो संदेश के जरिये यह ऐलान किया. उसने कहा कि जो ‘सिख सैनिक’ प्रधानमंत्री मोदी को तिरंगा फहराने से रोकेंगे, उन्हें 11 करोड़ रुपये का इनाम दिया जाएगा.
एनआईए ने यह मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धाराओं के तहत दर्ज किया है. एफआईआर में पन्नू और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के नाम शामिल किए गए हैं.
एफआईआर के मुताबिक, इस कार्यक्रम के दौरान पन्नू ने नए खालिस्तान का नक्शा भी जारी किया, जिसमें पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश को शामिल किया गया है. साथ ही उसने दावा किया कि एसएफजे ने ‘शहीद जत्था’ नामक इकाई बनाई है, जो भारत के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी.
पन्नू के खिलाफ 7वीं FIR
पन्नू के खिलाफ एनआईए की यह सातवीं एफआईआर है. केंद्र सरकार ने 10 जुलाई 2019 को सिख फॉर जस्टिस को UAPA के तहत प्रतिबंधित कर दिया था. इसके बाद 1 जुलाई 2020 को पन्नू को भी आतंकवादी घोषित कर दिया गया था.
गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि ‘अपराध की गंभीरता, इसके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव और बड़ी साजिश का पर्दाफाश करने की आवश्यकता को देखते हुए इस मामले की जांच NIA से कराई जानी चाहिए.’