रेस्क्यू टीमों ने तेज बहाव में फंसे व्यक्तियों, पेड़ों पर चढ़े ग्रामीणों और पुल टूटने से अलग-थलग पड़े लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। कुछ ग्रामीण नदी में गिर गए थे, जिन्हें त्वरित कार्रवाई कर बचाया गया। इसी दौरान एक नाव पलटने पर टीम के सदस्यों को भी सुरक्षित निकाला गया। डूबे हुए व्यक्तियों को फस्ट एड, सीपीआर और डीप डाइविंग कर रेस्क्यू किया गया।
कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की तत्परता की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की मॉकड्रिल से आपदा के समय त्वरित और समन्वित कार्यवाही संभव हो सकेगी। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को जागरूक करने हेतु अभ्यास के दौरान घरेलू सामग्री जैसे टीपा, भगोना, ड्रम, मटका, ट्यूब आदि से राफ्ट बनाने और पानी की बोतल को एयरटाइट कर अस्थायी लाइफ जैकेट की तरह इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण दिया गया।
मॉकड्रिल के अंतर्गत अंजोरा स्थित पंचायत प्रशिक्षण भवन में राहत शिविर लगाया गया, जहां बाढ़ प्रभावितों के लिए रहने, भोजन और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था की गई। प्रभावित गांवों के पशुओं के लिए भी दवाई और चारे की आपूर्ति सुनिश्चित की गई।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री विरेन्द्र सिंह, एएसपी श्री अभिषेक झा, नगर सेना कमाण्डेंट श्री नागेन्द्र सिंह, संयुक्त कलेक्टर श्री हरवंश सिंह मिरी एवं श्रीमती सिल्ली थॉमस, डिप्टी कलेक्टर श्री लवकेश ध्रुव, श्री हितेष पिस्दा, श्री उत्तम ध्रुव, डॉ. सीबीएस बंजारे एवं उनकी टीम सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, राज्य आपदा मोचन बल, नगर सेना के जवान तथा बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।