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मानसून की वापसी पर ब्रेक, 50 KMPH की तूफानी हवा के साथ बारिश के आसार, दो सिस्‍टम एक्टिव

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मौसम विज्ञानियों ने दक्षिण-पश्चिम मानसून के वापस लौटने की प्रक्रिया शुरू होने की बात कही थी. दिल्‍ली-एनसीआर जैसे इलाकों से मानसून का पैकअप भी हो चुका है, पर देश के अन्‍य हिस्‍सों से इसकी वापसी पर फिलहाल ब्रेक लग गया है. बंगाल की खाड़ी से लेकर अरब सागर तक में एकसाथ दो सिस्‍टम के एक्टिव होने की वजह से तेज बरसात की संभावना बनी हुई है. समंदर में मौसम के करवट बदलने से पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, महाराष्‍ट्र, गुजरात जैसे राज्‍यों में हल्‍की और मध्‍यम से लेकर भारी बारिश होने की संभावना बनी हुई है. वहीं, दिल्‍ली-एनसीआर के आसमान में भी बादलों का डेरा रहने की बात कही गई है.

दरअसल, भारतीय समुद्रों में इस समय दो निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) बने हुए हैं, एक पूर्वी ओर और दूसरा पश्चिमी में. पश्चिमी हिस्से में लो-प्रेशर क्षेत्र कच्छ की खाड़ी और इससे लगे उत्तर-पूर्वी अरब सागर में सक्रिय है. अगले 24 घंटों में यह पूरी तरह से अरब सागर पर पहुंचकर डिप्रेशन (Depression) में बदल सकता है. इस सिस्टम के चारों ओर लगभग 50 किमी/घंटा की रफ़्तार से हवाएं बह रही हैं. अनुमान है कि यह पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ते हुए उत्तर-पश्चिम अरब सागर तक पहुंच जाएगा. इसका असर देश के पश्चिमी हिस्‍से में देखा जा सकता है.

बंगाल की खाड़ी में दूसरा लो-प्रेशर

‘स्‍काईमेट वेदर’ की रिपोर्ट के अनुसार, दूसरा लो-प्रेशर क्षेत्र पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में सक्रिय है, जो अब और मजबूत हो गया गया है. प्रभावित इलाकों के चारों ओर 55-60 किमी/घंटा की रफ़्तार से हवाएं चल रही हैं. यह सिस्टम जल्द ही डिप्रेशन में तब्दील होकर उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती इलाकों के करीब पहुंच जाएगा. आगे चलकर इसके 3 अक्टूबर की सुबह दक्षिण ओडिशा और उत्तर आंध्र प्रदेश के तट से टकराने की संभावना है.
जब ये दोनों सिस्टम पश्चिम और पूर्वी हिस्सों में बारिश कराएंगे, तभी 4 अक्टूबर को एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) भी मौसम के इस क्षेत्र में शामिल हो जाएगा. इसका चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic circulation) सीमा पार करते हुए 5 अक्टूबर को उत्तर राजस्थान और पंजाब में पहुंचेगा. इन सभी सिस्टम के संयुक्त असर से 10 अक्टूबर तक अलग-अलग हिस्सों में मौसम सक्रिय रहेगा.
इन सिस्टम्स के प्रभाव से पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में लगातार बारिश होगी. इसके अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश तक इसका असर पहुंचेगा. उत्तर भारत के सभी पहाड़ी राज्यों में भी बारिश और खराब मौसम का हिस्सा देखने को मिलेगा. 6 और 7 अक्टूबर को इन हिस्सों में भारी और तीव्र मौसम गतिविधि की आशंका है.

मानसून वापसी पर ब्रेक

वेदर एक्‍सपर्ट के अनुसार, मौसम की इतनी व्यापक और तीव्र गतिविधि को देखते हुए अगले लगभग 10 दिनों तक मानसून की वापसी (Withdrawal) रुकी रहेगी. यहां तक कि उन इलाकों में भी बारिश लौटेगी, जहां पिछले महीने ही मानसून की विदाई की घोषणा की गई थी. बंगाल की खाड़ी में एक और सिस्टम बनने की संभावना है, जिसकी वजह से पूर्वी राज्यों और पूर्वोत्तर भारत में 10 अक्टूबर के बाद भी मानसूनी गतिविधियां जारी रहेंगी.

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