H-1B वीजा की फीस में बढ़ोत्तरी। ज्यादातर भारतीय इसी वीजा पर काम या पढ़ाई के लिए अमेरिका जाते थे, लेकिन अब ट्रंप ने H-1B वीजा की फीस बढ़ाकर 1 लाख डॉलर (लगभग 90 लाख) रुपये कर दी है।
H-1B वीजा की फीस बढ़ाने का दांव ट्रंप पर ही उल्टा पड़ रहा है। अब भारतीयों ने ‘ड्रीम अमेरिका’ में दिलचस्पी लेना कम कर दिया है। अमेरिका अब ज्यादातर भारतीयों की पहली पसंद नहीं बचा है। आइए समझते हैं कैसे?
क्या कहता है ताजा ट्रेंड?
वॉऊ फॉर इटर्निटी की फाउंडर अनुराधा गुप्ता के अनुसार, “अप्रवासी नीतियां बेशक वाशिंगटन में लिखी जाती हैं, लेकिन इसका प्रभाव भारतीय परिवारों की डिनर टेबर पर देखा जा सकता है, जो अक्सर शादी की बातें करते हैं।”
भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा भारतीय अमेरिका में ही रहते हैं। अमेरिका में भारतीय NRI की संख्या लगभग 21 लाख है और इनमें ज्यादातर लोग शादी के बाद अमेरिका जाकर सेटल हुए हैं। कई भारतीय महिलाओं के लिए अमेरिका में नौकरी करने वाले व्यक्ति से शादी करना फाइनेंशियल सिक्योरिटी की कुंजी होती है। अमेरिका में रहने वाले ज्यादातर भारतीय परिवार को पैसे समेत अन्य सहयोग मुहैया करवाते हैं।
NRI दुल्हों की मांग घटी
अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में अमेरिका ने जितने H-1B वीजा जारी किए थे, उनमें 75 प्रतिशत वीजा सिर्फ भारतीयों को मिले थे। वानाजा राओ क्विक मैरेजिस के नाम से मशहूर कंपनी के मालिक वानाजा राओ का कहना है कि पिछले साल NRI दुल्हों की अच्छी-खासी डिमांड थी।
वानाजी राओ के अनुसार,
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद NRI दुल्हों की मांग और अमेरिका में जाकर बसने का क्रेज कम हो गया है। पिछले 6 महीने में इसमें काफी गिरावट देखी गई है। H-1B वीजा की फीस बढ़ाने के बाद लोगों की परेशानी और भी ज्यादा बढ़ गई है। इसकी वजह से कई लोगों ने शादियां टाल दी हैं।
H-1B वीजा पर ट्रंप की सख्ती
बता दें कि डोनल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में भी H-1B वीजा को निशाना बनाया था। उन्होंने महिलाओं को काम न करने की सलाह दी थी। हालांकि, ट्रंप का कार्यकाल खत्म होने के बाद जो बाइडेन अमेरिका के अगले राष्ट्रपति बने और उन्होंने इस फैसले को वापस ले लिया था।
जनवरी 2025 में सत्ता संभालने के बाद ट्रंप ने अप्रवासियों को बाहर निकालने की मुहिम शुरू कर दी और फिर उन्होंने H-1B वीजा की फीस भी बढ़ा दी। ट्रंप के इस फैसले से अमेरिका में रहने वाले भारतीयों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।