भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया है कि अगले तीन से चार दिनों में गुजरात के बाकी हिस्सों, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों, और महाराष्ट्र के हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी के लिए हालात अनुकूल हो गए हैं.
आमतौर पर महाराष्ट्र से मॉनसून की वापसी 5 अक्टूबर से शुरू होती है, लेकिन इस साल यह प्रक्रिया 26 सितंबर से रुकी हुई है. IMD अधिकारी ने बताया कि जैसे ही राज्य में मॉनसून की वापसी शुरू होगी, यह मुंबई और पुणे तक भी फैल जाएगी, जहां सामान्य वापसी की सामान्य तारीख 8 और 9 अक्टूबर है.
इस देरी की वजह बंगाल की खाड़ी में बने लगातार मौसमी सिस्टम रहे. पहला सिस्टम उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा और गुजरात के पास चक्रवात शक्ति बनने से पहले मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत में बारिश लाया. इसके बाद एक और सिस्टम बंगाल की खाड़ी में बना और बिहार तक पहुंचा, जिससे और बारिश हुई और वापसी की प्रक्रिया और टल गई.
मॉनसून की जल्द होगी वापसी
हालांकि, पुणे में हाल ही में खास बारिश नहीं हुई है, लेकिन जिन क्षेत्रों में बारिश हो रही थी, उसके कारण राज्य में मॉनसून की वापसी में देरी हुई. मौसम वैज्ञानिक अनुपम कश्यपी ने बताया कि 8-9 अक्टूबर के आसपास कहीं-कहीं गरज के साथ हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन व्यापक बारिश की संभावना नहीं है. वो बताते हैं कि ‘चक्रवात शक्ति’ ने नमी को खींच लिया और उन सामान्य हवाओं को भी बिगाड़ दिया जो वापसी के दौरान गरज-बारिश को सहारा देती हैं.
इस कारण महाराष्ट्र में अक्टूबर अपेक्षाकृत शांत रहा है और मॉनसून वापसी की सामान्य बारिश लगभग गायब रही है. मुंबई और पुणे समेत महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों से मॉनसून की पूरी वापसी लगभग 11 अक्टूबर तक हो सकती है.
IMD के पूर्व जलवायु अनुसंधान प्रमुख के.एस. होसालिकर ने बताया कि अरब सागर या बंगाल की खाड़ी में सक्रिय सिस्टम अक्सर वापसी की प्रक्रिया को रोक देते हैं, उन्होंने बताया कि ‘चक्रवात शक्ति’, जो फिलहाल अरब सागर में है, संभवतः 7 अक्टूबर तक कमजोर होकर डिप्रेशन में बदल जाएगा, जिससे मॉनसून वापसी की प्रक्रिया जल्द ही फिर शुरू हो सकती है.