Home समाचार “हमने मुलायम और प्रणब दा का किया सम्मान, कांग्रेस तो आंबेडकर का...

“हमने मुलायम और प्रणब दा का किया सम्मान, कांग्रेस तो आंबेडकर का भी करती रही अपमान: PM मोदी”

22
0

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर शुक्रवार को पुष्पांजलि अर्पित की। राष्ट्रीय एकता दिवस पर परेड की सलामी लेने के बाद प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल की देशसेवा का उल्लेख किया तो कांग्रेस पार्टी पर कई तीखे हमले किए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में एक परिवार के अलावा अन्य लोगों को अपमान किया गया। उन्होंने सरदार पटेल के अलावा बाबा साहब भीमराव आंबेडकर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और राममनोहर लोहिया आदि के अपमान का आरोप लगाया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अपनी सोच और विचाराधारा से अलग हर व्यक्ति और संगठन का तिरस्कार किया। देश में राजनीतिक छुआछूत को एक कल्चर बना दिया गया था। कांग्रेस सरकारों में सरदार पटेल और उनकी विरासत के साथ क्या-क्या हुआ है। इन लोगों ने बाबा साहब के साथ जीते जी और उनके जाने के बाद भी क्या किया? नेताजी सुभाष चंद्र के साथ क्या किया? डॉक्टर लोहिया और जय प्रकाश नारायण जी के साथ भी यही किया। इस साल आरएसएस के 100 साल पूरे हुए हैं। संघ पर भी कैसे-कैसे हमले किए गए। षड्यंत्र किया गया। एक पार्टी- एक परिवार के बाहर हर व्यक्ति हर विचार को अछूत बनाने की कोशिश हुई।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने कांग्रेस और अन्य दलों से जुड़े शख्सियतों का भी सम्मान किया और राजनीतिक छुआछूत को खत्म किया। उन्होंने कहा, ‘हमें गर्व है कि हमने देश को बांटने वाली राजनीतिक छुआछूत को खत्म किया है। हमने सरदार पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाई। हमने बाबा साहब के पंचशिल्प बनवाए। दिल्ली में बाबा साहब का घर महापरिनिर्वाण स्थल कांग्रेस के दौर में दुर्दशा का शिकार था। हमने उस पवित्र स्थल को ऐतिहासिक मैमोरियल में बदला। कांग्रेस के समय में सिर्फ एक ही पूर्व प्रधानमंत्री के नाम पर म्यूजियम था, हमने देश के जितने भी पीएम हुए हैं उनके योगदान को समर्पित पीएम म्यूजिमय बनाया।’

पीएम ने आगे कहा, ‘हमने कर्पूरी ठाकुर जैसे जननायक को भारत रत्न दिया। पूरे जीवन कांग्रेस को समर्पित रहने वाले प्रणब दा को भारत रत्न दिया। विरोधी विचारवाले मुलायम सिंह यादव जी जैसे नेता को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया। इन फैसलों के पीछे सोच यही थी कि राजनीतिक मतभेदों के ऊपर उठकर देश के लिए एकजुट होने की भावना मजबूत हो ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेशों में गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में भी हमने एकता की झलक देखी है।’