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“2000 Rupee Note: 2000 रुपये के नोट पर RBI का ताज़ा अपडेट- अभी भी मान्य…”

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देश की सबसे बड़ी करेंसी यानी ₹2000 का नोट एक बार फिर चर्चा में है। नोटबंदी के लगभग डेढ़ साल बाद भी इन नोटों में से एक छोटा लेकिन चौंकाने वाला हिस्सा अब तक बैंकिंग सिस्टम में वापस नहीं लौटा है।

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने ताज़ा आंकड़े जारी करते हुए बताया कि 19 मई 2023 को जब ₹2000 के नोटों को प्रचलन से हटाने का ऐलान किया गया था, उस वक्त इनकी कुल कीमत 3.56 लाख करोड़ रुपये थी। अब यह घटकर सिर्फ़ ₹5,817 करोड़ रुपये रह गई है। यानी, लगभग 98.37% नोट या तो जमा हो चुके हैं या बदले जा चुके हैं।

नोट अब भी कानूनी चलन में हैं

RBI ने साफ़ किया है कि ₹2000 के नोट अभी भी वैध मुद्रा हैं। यानी अगर किसी के पास ये नोट हैं, तो वे अब भी खरीद-फरोख्त या भुगतान में इस्तेमाल किए जा सकते हैं। हालांकि, इनकी छपाई बंद कर दी गई है, और बैंक इन्हें दोबारा जारी नहीं कर रहे। आरबीआई ने यह भी बताया कि लोग अपने पास मौजूद नोटों को देशभर में स्थित RBI के 19 क्षेत्रीय दफ्तरों में जमा या बदल सकते हैं। यह सुविधा अब डाक के ज़रिए भी उपलब्ध है – यानी कोई भी व्यक्ति अपने ₹2000 के नोट रजिस्टर्ड पोस्ट से भेजकर अपने खाते में रकम जमा करा सकता है।

कहां हैं बचे हुए 5,800 करोड़ रुपये के नोट?

यह सवाल अब सबके मन में है। आखिर जब लगभग पूरा पैसा सिस्टम में लौट आया, तो बाकी नोट कहां गायब हैं?

विशेषज्ञों के मुताबिक – ग्रामीण इलाकों में अभी कुछ नकदी आधारित कारोबारों में ऐसे नोट मौजूद हो सकते हैं। कई लोग स्मृति के तौर पर या संग्रहण के लिए इन्हें संभालकर रखे हुए हैं। कुछ नोट निजी लेनदेन या असंगठित क्षेत्रों में घूम रहे हो सकते हैं, जहाँ डिजिटल भुगतान अभी भी कम है। RBI ने कहा है कि वह समय-समय पर इन नोटों की वापसी की स्थिति पर अपडेट देता रहेगा।

किन शहरों में जमा/विनिमय की सुविधा उपलब्ध

लोग अपने ₹2000 के नोट निम्नलिखित आरबीआई कार्यालयों में भेज या जमा कर सकते हैं: अहमदाबाद, बेंगलुरु, बेलापुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पटना और तिरुवनंतपुरम।

नोटबंदी की याद और जनता का भरोसा

2016 में हुई नोटबंदी के बाद ₹2000 का नोट बाजार में सबसे बड़ी मूल्य वाली करेंसी के रूप में आया था। इसका उद्देश्य नकदी की कमी को तत्काल भरना था। लेकिन अब RBI इसे धीरे-धीरे सिस्टम से हटा रहा है ताकि लेनदेन छोटे नोटों या डिजिटल माध्यमों पर केंद्रित रहे।