जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अप्रैल महीने में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष हुआ था. इससे पहले भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए थे. उस समय भारत ने अटारी बॉर्डर समेत करतारपुर साहिब कॉरिडोर को बंद कर दिया था.
हालांकि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार आज गुरु नानक प्रकाश पर्व के मौके पर सिख श्रद्धालुओं ने अटारी-वाघा बॉर्डर पार किया.
अमृतसर से सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था पाकिस्तान के ननकाना साहिब रवाना हुआ. श्रद्धालु गुरु नानक देव जी के 556 वें प्रकाश पर्व के मुख्य समारोह में शामिल होंगे, जो आज आयोजित किया जाएगा.
इस साल की यह यात्रा खास इसलिए है क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार भारतीय श्रद्धालुओं को पाकिस्तान जाने की अनुमति मिली है. इससे पहले गृह मंत्रालय (MHA) ने सुरक्षा कारणों और भारत-पाक के बीच तनावपूर्ण हालात का हवाला देते हुए जत्थे को जाने की मंजूरी नहीं दी थी. लेकिन, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) और कई सिख संगठनों की अपील के बाद सरकार ने फैसला बदलते हुए अनुमति दी.
2,100 भारतीयों को वीजा हुआ जारी
इस बार लगभग 2,100 भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान हाई कमीशन ने 10 दिन की धार्मिक यात्रा के लिए वीजा जारी किया है. इनमें से करीब 1,800 श्रद्धालुओं को SGPC ने अमृतसर से बसों के ज़रिए अटारी बॉर्डर तक पहुंचाया गया. पाकिस्तान हाई कमीशन ने जानकारी दी, भारत से सिख श्रद्धालुओं को बाबा गुरु नानक देव जी के जन्म उत्सव (4 से 13 नवंबर 2025) में शामिल होने के लिए 2,100 से अधिक वीज़ा जारी किए गए हैं.
एनआरआई सिखों को नहीं मिला वीजा
इस बार भारत सरकार ने केवल भारतीय नागरिकों को ही जत्थे में शामिल होने की अनुमति दी है. एनआरआई सिखों को इस बार यात्रा का हिस्सा नहीं बनाया गया है. यह यात्रा 1974 के भारत-पाक द्विपक्षीय धार्मिक यात्राओं के समझौते के तहत हो रही है, जिसके जरिए दोनों देशों के नागरिक सीमित संख्या में धार्मिक स्थलों की यात्रा कर सकते हैं.
यात्रा के दौरान श्रद्धालु पाकिस्तान के कई ऐतिहासिक गुरुद्वारों, जैसे गुरुद्वारा पंजा साहिब (हसन अब्दाल) और गुरुद्वारा जन्म स्थान (ननकाना साहिब) में मत्था टेकेंगे. जत्था 13 नवंबर को भारत लौट आएगा.
अटारी-वाघा बॉर्डर से वापस लौटे कई श्रद्धालु
अटारी-वाघा बॉर्डर पर उन भारतीय श्रद्धालुओं को वापस लौटा दिया गया जो गृह मंत्रालय (MHA) की अनुमति के बिना धार्मिक उद्देश्यों से पाकिस्तान जाने की कोशिश कर रहे थे. सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय की मंजूरी प्राप्त करने वाले कई सिख श्रद्धालु को पाकिस्तान जाने की अनुमति दी गई है. उन्हें पाकिस्तान की ओर से वीज़ा भी जारी किया गया है, ताकि वे गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर वहां स्थित पवित्र गुरुद्वारों में माथा टेक सकें. सीमाई सुरक्षा एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान यात्रा के लिए केवल वही श्रद्धालु जा सकते हैं, जिन्हें भारत सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त है.



