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“न सिद्धारमैया-न DK. क्या कर्नाटक में ‘खरगे’ दांव चल सकती है कांग्रेस, ऐसे सध जाएंगे सारे समीकरण”

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कांग्रेस इस समय कर्नाटक के दो नेताओं की खींचतान के कारण खासी परेशान नजर आ रही है. राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों का बाजार गर्म है. मौजूदा सीएम सिद्धारमैया के हटाए जाने की चर्चा हो रही है.

तो वहीं दूसरी तरफ डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को नया सीएम बनाए जाने की चर्चा हो रही है. इसको लेकर दोनों ही नेताओं के समर्थक विधायक दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं. आलाकमान को अपनी पसंद के बारे में विस्तार से बता रहे हैं. इन दोनों नेताओं की खींचतान के बीच तीसरे विकल्प की चर्चा तेज हो चली है.

कर्नाटक की खींचतान के बीच ऐसा कहा जा रहा है कि पार्टी किसी तीसरे विकल्प पर भी फैसला ले सकती है. इस तीसरे विकल्प के तौर पर कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नाम की चर्चा हो सकती है. मंत्री शिवानंद पाटिल ने मांग की है कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे को ही मुख्यमंत्री बनाया जाए. ऐसा करने से कोई भी विरोध नहीं करेगा. राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने भी इस बात पर सहमति जाहिर की है. उन्होंने कहा कि खरगे योग्य हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे को सीएम बनाने की चर्चा के पीछे की कई वजहें हैं.

खरगे खुद कई बार कह चुके हैं कि वे तीन बार कर्नाटक के सीएम बनते-बनते रह गए थे. इसके साथ ही वे गांधी परिवार के भी खास हैं. यही वजह है कि उनके नाम की चर्चाएं हो रही हैं. हालांकि इन सब चर्चाओं को लेकर खरगे के बेटे प्रियांक ने कहा कि ये सब बेमतलब है.

कर्नाटक में कांग्रेस में खींचतान की वजह?

कर्नाटक में पिछले करीब 6 महीनों से सीएम बदलने की चर्चाएं जोरों पर हैं. इसके पीछे के कई कारण बताए जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि जब 2.5 साल पहले कांग्रेस सरकार का गठन हुआ था. उस समय ऐसा तय हुआ था कि आधे कार्यकाल के लिए सिद्धारमैया को सीएम बनाया जाएगा. बाकी के बचे आधे कार्यकाल के लिए डीके शिवकुमार सीएम रहेंगे. इस बात की पुष्टि खुद डीके शिवकुमार ने की है. उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि उसकी चर्चा उस समय बंद कमरे में 6-7 लोगों के बीच ही हुई थी.

कर्नाटक की मौजूदा सरकार ने अपना आधा कार्यकाल पूरा कर लिया है. इसीलिए सीएम बदलने की चर्चा हो रही है. लंबे समय से डीके शिवकुमार के समर्थक लॉबिंग कर रहे हैं. वहीं सिद्धारमैया साफ कह चुके हैं कि अगले साल वे बजट पेश करेंगे. उनके इस बयान से साफ है कि वे इस पद से हटने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं. हाईकमान भी इस मामले को कई बैठकें कर चुका है. इसके साथ ही खुद पार्टी अध्यक्ष के साथ-साथ नेता कर्नाटक का दौरा कर चुके हैं.

दावे पर मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे ने क्या कहा?

कर्नाटक में दो नेताओं की खींचतान के बाद तीसरे विकल्प के तौर पर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम तेजी से सामने आया है. ऐसा कहा जा रहा है कि अगर आलाकमान खरगे को सीएम बनाने का फैसला करता है. तो दोनों ही नेता इसका विरोध नहीं करेंगे. इसके साथ ही अगले 5 सालों तक आसानी से सरकार भी चल सकती है.

खरगे की दावेदारी पर उनके बेटे प्रियांग खरगे ने इस तरह की सभी अटकलों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि जब भी यहां (कर्नाटक में) चुनाव होते हैं, तो वह CM बनने की रेस में होते हैं, जब भी पार्लियामेंट्री चुनाव होते हैं, तो वह PM बनने की रेस में होते हैं. ऐसी चर्चाएं अब बेमतलब हैं. भले ही प्रियांग ने इस तरह की बातों को खारिज कर दिया हो, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चाएं तेज हैं.

हाईकमान देगा दखल: मल्लिकार्जुन खरगे

कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को साफ किया कि मामले में हाईकमान दखल देगा. मैं इतना कहना चाहता हूं कि हम ऐसे मुद्दों को हल करेंगे. हाईकमान राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मैं बैठकर इस पर विचार करेंगे.

खरगे के इस बयान पर बीजेपी ने चुटकी ली थी और पूछा था कि आलाकमान कौन है? राष्ट्रीय अध्यक्ष होकर अगर वह ऐसा कह रहे हैं तो फैसला कौन लेगा? इससे पहले कर्नाटक बीजेपी की तरफ से भी एक वीडियो शेयर किया गया था. जिसमें डीके शिवकुमार पर तंज कसा गया था.

राहुल गांधी का डीके को मैसेज

डीके शिवकुमार पिछले लंबे समय से राहुल से मुलाकात की कोशिशें कर रहे हैं. उन्होंने राहुल को मैसेज भेजकर मिलने का समय मांगा था. इसके जवाब में राहुल ने टेक्स्ट मैसेज के जवाब में लिखा है कि मैं आपको कॉल करूंगा.

चर्चाओं पर क्या बोले सिद्धारमैया के मंत्री?

कर्नाटक के मंत्री सतीश जरकीहोली ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कांग्रेस हाईकमान से राज्य में लीडरशिप बदलने के सवाल पर जल्द फैसला लेने को कहा है. पब्लिक वर्क्स पोर्टफोलियो संभालने वाले जारकीहोली ने बताया कि वह इस मामले पर बात करने के लिए कांग्रेस प्रेसिडेंट मल्लिकार्जुन खरगे से मिलने का प्लान बना रहे हैं.

उन्होंने कहा कि उत्तराधिकार का मुद्दा पार्टी की नेशनल लीडरशिप को सुलझाना चाहिए और बताया कि सिद्धारमैया भी जल्दी फैसला लेना पसंद करते हैं. उन्होंने कहा, “जब CM ऐसा कहते हैं, तो पार्टी के सीनियर को इस पर ध्यान देना चाहिए.”

हालांकि, उन्होंने कहा कि लीडरशिप में संभावित बदलाव पर MLA के बीच कोई अंदरूनी बातचीत नहीं हुई है. जारकीहोली ने कहा, “पार्टी में लीडरशिप में बदलाव के बारे में कोई चर्चा नहीं हो रही है. एक बार जब यह सामने आएगा तो हम चर्चा करेंगे, लेकिन अभी पार्टी में इस बारे में कोई चर्चा नहीं हो रही है. ”

डीके शिवकुमार के बदले सुर?

कर्नाटक की चर्चा और कांग्रेस के गुटों को लेकर डीके शिवकुमार का एक बयान भी चर्चा में है. उन्होंने बुधवार को कहा कि कांग्रेस एकजुट है और 2028 के विधानसभा और 2029 के लोकसभा चुनावों पर फोकस कर रही है.

डिप्टी चीफ मिनिस्टर ने कहा, “जो भी पार्टी के मुद्दे हैं, हम चार दीवारों के अंदर चर्चा करेंगे. मैं मीडिया में किसी भी पॉलिटिकल मुद्दे पर चर्चा नहीं करूंगा.” उन्होंने पार्टी के अंदर किसी भी तरह के कन्फ्यूजन या गुटबाजी से भी इनकार किया और कहा, किसी को कुछ भी मांगना नहीं चाहिए. पार्टी में कोई ग्रुप नहीं है; सिर्फ एक ग्रुप है, वह है कांग्रेस, हमारे ग्रुप में 140 MLA हैं.

कर्नाटक में चल रहे घमासान को लेकर ऐसा कहा जा रहा है कि जल्द ही आलाकमान फैसला लेगा. ऐसे में देखना होगा कि आने वाले दिनों में कर्नाटक में क्या नया देखने को मिलता है.