छत्तीसगढ़ में हुए बहुचर्चित करोड़ों रुपये के नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला के मामले में दायर की गई जनहित याचिकाओं पर मंगलवार को हाई कोर्ट चीफ जस्टिस के डिवीजन बैंच में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में एसीबी की ओर से जांच का स्टेट्स रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया. इस पर एक याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट से आये दो वरिष्ठ अधिवक्ताओं और अन्य याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने कई घण्टो तक बहस किया. बहस के बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि सरकार और एसआईटी ऐसा करे, जिससे विश्वास पैदा हो. मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई 12 मार्च को सुनने के लिए तय कर दिया है. माना जा रहा है कि 12 मार्च को होने वाली सुनवाई काफी अहम रहेगी.
बता दें कि प्रदेश में नागरिक आपूर्ति निगम ( नान ) में करोड़ों रुपये का भ्र्ष्टाचार कर बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया था, जिसमें 27 लोगों को आरोपी बनाया गया था. बाद में कुछ लोगों को छोड़ दिया गया. प्रदेश को कलंकित करने वाले इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश करने और स्वतंत्र एजेंसी या सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर हाई कोर्ट चीफ जस्टिस के डिविजन बैंच में हमर संगवारी एनजीओ, अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव, वीरेंद्र पाण्डे, वशिष्ठ नारायण और अन्य ने जनहित याचिकाएं लगाई है.
मामले में लंबे समय से सुनवाई चल रही है. आज एसीबी की ओर से स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसमें आज कई घण्टो तक बहस हुई. मामले में याचिकाकर्ता और अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने सवाल उठाते हुए कहा कि किस अधिकार से राज्य शासन ने एसआईटी बनाया है. इस पर कानूनी तर्क प्रस्तुत करते हुए बताया गया की सीआरपीसी के प्रावधान के तहत सरकार जांच कर सकती है.