इस्लामाबाद। जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर के पाकिस्तान में होने की बात कहने के एक दिन बाद विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक और चौंकाने वाली स्वीकारोक्ति की है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान सरकार प्रतिबंधित आतंकी संगठन के संपर्क में है। कुरैशी ने बीबीसी के साथ एक साक्षात्कार के दौरान यह बात कही।
उसने पूछा गया था कि पाकिस्तान जैश के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल क्यों रहा है, जबकि वह पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने का दावा कर रहा है, जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। इस पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने दावा किया कि जैश ने यह नहीं कहा था कि पुलवामा आतंकी हमले के पीछे उसका हाथ है। इस हमले में जैश की भूमिका को लेकर भ्रम था। कुरैशी ने यह बात तब कही है जबकि जैश के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर हमले की जिम्मेदारी का दावा किया था।
जैश के प्रवक्ता मुहम्मद हसन ने हमले के दिन 14 फरवरी को एक बयान जारी कर कहा था कि भारतीय फोर्स के दर्जनों वाहन नष्ट कर दिए गए। हसन ने पुलवामा में फिदायिन हमले को अंजाम देने वाले ड्राइवर की पहचान आदिल अहमद डार के रूप में की थी। आतंकी समूह ने डार का एक वीडियो भी जारी किया था, जिसके बैकग्राउंड में जैश के झंडे थे, जिसमें उसने भारत विरोधी हमले के कारण बताए थे।
इसके बावजूद कुरैशी ने कहा कि हमले में जैश का हाथ स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके बारे में परस्पर विरोधी खबरें थीं। उन्होंने कहा कि हमले के बाद जैश के नेतृत्व से संपर्क किया गया था और उसने हमले की जिम्मेदारी लेने से इंकार किया था। बार-बार यह पूछे जाने पर कि आतंकी संगठन जैश के नेतृत्व से किसने संपर्क किया था, कुरैशी ने जवाब दिया- यहां के लोगों ने संपर्क किया और जो लोग उन्हें जानते थे।
बताते चलें कि इससे एक दिन पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा था कि मसूद अजहर पाकिस्तान में ही है, लेकिन वह काफी बीमार है। उन्होंने कहा कि मसूद अजहर की हालत इतनी खराब है कि उसका घर से निकलना भी मुश्किल है। इसके साथ ही उन्होंने भारत से एक बार फिर सबूत मांगा है। उनका कहना है कि अगर भारत ठोस सबूत देता है, तो हम ‘बेहद बीमार’ मसूद अजहर को गिरफ्तार करेंगे।