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छत्तीसगढ़ : ऐसे रोकी नाबालिग की शादी, बीच रास्ते से लौटाई बारात

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धमतरी। जिला मुख्यालय धमतरी के एक वार्ड में परिजन 17 साल नौ माह उम्र की लड़की की शादी करवा रहे थे। तीन मार्च रविवार को गरियाबंद जिले से बारात निकल गई थी। खबर मिलने पर महिला बाल विकास की टीम लड़की के घर पहुंची और परिजनों को समझाईश देकर शादी रुकवा दी। रास्ते से बारात को गरियाबंद लौटाया गया। लड़की के बालिग होने पर शादी होगी।

धमतरी शहर के एक वार्ड में नाबालिग लड़की की शादी हो रही थी। घर में शादी का मंडप सजाया गया था। रविवार तीन मार्च को गरियाबंद जिले से धमतरी आने के लिए बारात निकल गई थी। इसी दौरान महिला बाल विकास विभाग की टीम को सूचना मिली कि कम उम्र की नाबालिग की शादी करवाई जा रही है।

तत्काल टीम नाबालिग लड़की के घर पहुंची। परिजनों से पूछताछ के बाद मार्कशीट देखने से पता चला कि लड़की की 18 साल पूरे होने में तीन माह का समय बचा है। इसके बाद विवाह कानून की जानकारी देते हुए परिजनों को समझाईश दी गई कि 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के का विवाह करना कानूनी अपराध है।

परिजनों को समझाते हुए टीम ने कहा कि लड़की उम्र 18 साल होने पर शादी कर सकते हैं। गरियाबंद से निकली बारात सिरकट्टी तक पहुंच गई थी। मोबाइल पर सूचना देकर बारात को वापस लौटाया गया। शादी रूकवाने में महिला बाल विकास के अधिकारी हरिकीर्तन राठौर, जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक, लेखापाल लक्ष्मीनारायण सोनी सहित टीम का योगदान रहा।

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