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छत्तीसगढ़ :दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना, 6 साल में भी नहीं मिली ऐसी सफलता

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रायपुर। समाज कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांगजनों को विवाह करने पर प्रोत्साहन राशि दी जाती है। दांपत्य जीवन में बंधने वाले जोड़े में से एक दिव्यांग है तो 50 हजार रुपये और दोनों दिव्यांग हैं तो एक लाख रुपये दिए जाते हैं। विडंबना है कि रायपुर में पिछले पांच वर्षों में हितग्राहियों की संख्या कभी सैकड़ा तक नहीं पहुंच पाई। योजना का समुचित प्रचार-प्रसार न होने के कारण दिव्यांगजनों को यह लाभ नहीं मिल पाता।

लंबे समय से चल रही दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना की जानकारी आम जनता तक शायद ही पहुंच पाई है। जिन्हें जानकारी है उन्हें विभाग से यह राशि मिल भी जाती है पर सवाल यह है कि इतनी बेहतरीन योजना को आम जनमानस तक लाने के लिए विभाग पहल क्यों नहीं करता। वित्तीय वर्ष 2013-14 में रायपुर में इस योजना से 75 दिव्यांग लाभान्वित हुए। वर्ष 2014-15 में समाज कल्याण विभाग की इस योजना तक सिर्फ 41 लोग पहुंच पाए।

वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2016-17 में फिर हितग्राहियों की संख्या बढ़ कर 75 हो गई। इन दो वर्षों में 150 दिव्यांगों को इसका लाभ मिला। वित्तीय वर्ष 2017-18 में हितग्राहियों की संख्या घट कर 46 रह गई।

वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 में विभाग ने इस योजना के तहत 55 लाभार्थियों को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी। समाज कल्याण विभाग में यह योजना दस वर्षों से अधिक समय से संचालित है, पर सामान्य लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं है। यदि आम लोगों तक विभाग इस योजना को पहुंचाए तो और अधिक लोग लाभान्वित हो सकते हैं।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का एक भी मामला लंबित नहीं

महिला बाल विकास विभाग की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का एक भी मामला लोकसभा चुनाव के कारण प्रभावित नहीं है। विभाग ने आचार संहिता लगने से पहले इस वित्तीय वर्ष के सभी पंजीकृत लोगों का सामूहिक विवाह करा दिया था। आचार संहिता के कारण नए पंजीयन पर अभी ब्रेक जरूर है पर वह अगले वित्तीय वर्ष के लिए है।

उपायुक्त महिला एवं बाल विकास विभाग अशोक पांडेय ने कहा कि नए वित्तीय वर्ष में सामूहिक विवाह के लिए पंजीयन की प्रक्रिया चुनाव के बाद प्रारंभ की जाएगी। पांडेय के मुताबिक इस वर्ष जिले में 417 जोड़ों का विवाह कराया गया। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 322 जोड़ों का और वित्तीय वर्ष 2016-17 में 232 जोड़ों का विवाह कराया गया था।

उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा हर जोड़े को 15 हजार रुपये की राशि आवंटित की जाती है, जिसमें एक हजार रुपये विभाग कन्या के खाते में प्रेषित करता है। शेष पैसे में 11500 रुपये का उपहार नवदंपती को दिया जाता है। 2500 रुपये मंडप खर्च के नाम पर खर्च होता है। इसमें मंडप निर्माण, वर व कन्या पक्ष के लोगों को भोजन कराना, उन्हें उनके घर से लाना व पहुंचाना, शादी की रस्म आदि में होने वाला सभी खर्च शामिल है।

दिव्यांग जन विवाह प्रोत्साहन योजना–

वित्तीय वर्ष—हितग्राही संख्या

2013-14 75

2014-15 41

2015-16 75

2016-17 75

2017-18 46

2018-19 55

– दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन राशि की जानकारी समय-समय पर दी जाती है। जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत के माध्यम से भी हितग्राहियों को यह बताया जाता है। प्रचार-प्रसार के मद में धन कम होना भी इसकी एक वजह है। प्रयास है कि अधिक से अधिक लोगों को इसकी जानकारी दी जाए। दिव्यांग विभाग को भी समय- समय पर सूचना प्रेषित की जाती है। – भूपेंद्र पांडेय, संयुक्त संचालक, समाज कल्याण विभाग, रायपुर

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