देश में बेहद तेजी से सड़कों का जाल बिछाने के लिए चर्चित हुए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में अपने कार्य प्रदर्शन से बिलकुल इतर बोलते हुए कहा कि हर जिले को हाईवे से जोड़ना संभव नहीं है। क्योंकि ऐसा करने से संबंधित प्रोजेक्ट की लंबाई और लागत दोनों बढ़ जाती है। दरअसल इस बाबत प्रश्नकाल के दौरान राजस्थान से भाजपा सांसद सी.पी.जोशी ने केंद्रीय मंत्री से प्रश्न किया था। जिसमें उन्होंने दिल्ली-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग के रूट में उनके संसदीय क्षेत्र के एक जिले को भी शामिल करने की मांग की थी।
इसके जवाब में गडकरी बोले, पहले ही यह परियोजना देश के पांच राज्यों के जनजातीय और पिछड़े जिलों से होकर गुजर रही है।इसके बनकर तैयार हो जाने के बाद दिल्ली से मुंबई जाने में सड़क मार्ग से 12 घंटे का वक्त लगेगा। लेकिन जैसे ही इसमें और जिलों को भी शामिल किया जाएगा तो इस परियोजना की लंबाई और उसके साथ लागत 6 से 7 करोड़ रुपए बढ़ जाएगी। इसलिए यह संभव नहीं है। उन्होंने सदन से उद्योगपतियों से आवाहान किया कि इस प्रोजेक्ट पर ध्यान दें और इसके आसपास लॉजिस्टिक पार्क और स्मार्ट सिटी जैसे प्रोजेक्ट बनाएं।
खत्म हुई प्राथमिकता
महाराष्ट्र के वर्धा से भाजपा सांसद रामदास तड़स के प्रश्न के जवाब में मंत्री ने कहा, भारतमाला परियोजना के जरिए देश में 24 हजार किलोमीटर लंबा सड़क मार्ग बनाया जाना है। इसमें प्राथमिकता के हिसाब से सड़क बनाने का निर्णय अब समाप्त कर दिया गया है। यह केवल लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू रहने तक ही प्रभावी था। नई सरकार के गठन के तुरंत बाद ही मैंने अधिकारियों को निर्देश दे दिया है कि अब सभी परियोजनाओं पर काम किया जाएगा।
इसके अलावा एक अन्य नीति में भी बदलाव किया गया है, जिसमें मैंने निर्देशित किया है कि बायपास बनाते वक्त किसी भी पुरानी सड़क को पहले ठीक किया जाएगा और उसके बाद उसे डिनोटिफाई कर संबंधित राज्य सरकार या उसकी प्रशासनिक बॉडी को सौंपा जाएगा। अधिकारियों के स्तर पर इसमें कुछ कोताही बरती गई है। लेकिन भविष्य में ऐसा नहीं होगा। सांसद द्वारा प्रश्न में पूछे गए पुलगांव से करंजा तक के सड़क निर्माण कार्य पर उन्होंने कहा कि मैंने अधिकारियों को उक्त प्रोजेक्ट से जुड़ा डीपीआर दो महीने में बनाकर जमीन अधिग्रहण कर काम की शुरूआत करने को कहा है।