कराची। पाकिस्तान ने एक बार फिर से भारतीय दूतावास के अधिकारियों को परेशान करने की कोशिश की है। इस बार मामला कराची का है, जहां पर बंद पड़े भारतीय दूतावास के बाहर पाकिस्तान ने अतिक्रमण की कोशिशें की हैं। भारत की तरफ से पाकिस्तान की अथॉरिटीज के सामने इस मसले को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया है। भारत ने पाक को स्पष्ट कर दिया है कि इस संपत्ति को तुरंत खाली कर देना चाहिए। इस मामले पर नजर रख रहे लोगों की तरफ से जानकारी दी गई है कि भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के दिल्ली में मौजूद डिप्टी हाई कमिश्नर हैदर शाह को इस मामले पर तलब किया था।
साल 1994 से बंद है कांसुलेट
गुरुवार को शाह विदेश मंत्रालय पहुंचे थे। भारत की आरे से जारी एक डिप्लोमैटिक नोट में बुधवार रात हुई इस घटना को एक गंभीर मसला करार दिया गया है। भारत ने साफ कर दिया है कि किसी भी तरह से अनाधिकृत संगठन या व्यक्ति का तुरंत ही परिसर से बाहर कर देना चाहिए। सूत्रों की ओर से बताया गया है कि कुछ लोगों के संगठन ने जबरदस्ती परिसर में दाखिल होने की कोशिश की और वहां सुरक्षा में तैनात सिक्योरिटी गार्ड को भी धमकी दी। भारत ने कराची स्थित अपने दूतावास को साल 1994 में बंद कर दिया था। भारत ने यह फैसला कराची में मौजूद पाकिस्तान मिलिट्री के बढ़ते प्रभाव की वजह से लिया था। पाक मिलिट्री नहीं चाहती थी कि कराची में भारतीय राजनयिक रहें। साल 1993 में मुंबई में हुए बम ब्लास्ट्स का साजिशकर्ता और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भी कराची में ही है। जहां पाक कराची में भारतीय दूतावास के खिलाफ था तो वहीं वह चाहता था कि मुंबई स्थित उसका दूतावास खुला रहे और वहां से काम चलता रहे।
छह मंजिला इमारत भूतिया जगह में तब्दील
कराची में भारतीय दूतावास फातिमा जिन्ना रोड पर स्थित है। यह इलाका कराची का सबसे प्रतिष्ठित इलाका है और बंद होने के बाद से ही दूतावास बिल्कुल सूनसान पड़ा हुआ है। इसी सड़क पर अमेरिका के काउंसिल जनरल का घर है और दूसरी ओर सिंध क्लब है। सिंध क्लब में कराची का एलीट वर्ग अक्सर पार्टी करने के लिए आता है। भारत के दूतावास को इंडिया हाउस कहते हैं और कराची के इस पॉश इलाके में इस बिल्डिंग का पूरी तरह से खाली पड़े रहना कई लोगों को हैरान भी करता है। इस बिल्डिंग में रात में भी कोई लाइट नहीं जलती जबकि यह एक छह मंजिला बिल्डिंग है। इसके गेट हमेशा बंद रहते हैं। सिर्फ एक छोटा या दरवाजा खुला रहता है और गार्ड इसका प्रयोग करते हैं। किसी समय बिल्डिंग के पीछे वाले हिस्से में अक्सर वीजा एप्लीकेशंस के लिए लोगों की लंबी कतारें लगी रहती थीं।