वर्ल्ड कप की प्रबल दावेदार मानी जा रही भारतीय क्रिकेट टीम सेमीफाइनल मैच में न्यूजीलड से हारकर बाहर हो गई है। कांटे के मुकाबले में न्यूजीलैंड ने भारत को 18 रनों से हराकर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। टॉप ऑर्डर के फेल होने के बाद महेंद्र सिंह धोनी और रविंद्र जडेजा के बीच हुई 116 रनों की साझेदारी ने कुछ हद तक भारतीय फैंस की उम्मीदों को जिंदा रखा, लेकिन इन दोनों बल्लेबाजों की जुझारू पारी भी टीम को जीत नहीं दिला पाई। भारत की इस हार के साथ ही वर्ल्ड कप को अपने देश लाने की करोड़ो भारतीयों की उम्मीदें भी खत्म हो गई। विश्व कप में मिली इस हार के बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर भारतीय क्रिकेट टीम को एक मैसेज दिया।राहुल गांधी ने क्या कहा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने न्यूजीलैंड के हाथों भारतीय क्रिकेट टीम को मिली हार के बाद ट्वीट कर कहा, ‘हालांकि आज की रात करोड़ों लोगों के दिल टूटे होंगे, लेकिन टीम इंडिया आपने एक बड़ी और अच्छी लड़ाई लड़ी और आप हमारे प्यार और सम्मान के हकदार हैं। न्यूजीलैंड को उनकी बड़ी जीत के लिए बधाई, जिसने उन्हें विश्व कप के फाइनल मैच में जगह दिलाई।’ गौरतलब है कि भारत के खिलाफ न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 239 रनों का स्कोर खड़ा किया था, जिसके जवाब में भारतीय क्रिकेट टीम 49.3 ओवर में 221 रन ही बना पाई।
‘हमें टीम पर गर्व है’
वहीं, भारतीय टीम को मिली हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट किया। पीएम मोदी ने कहा, ‘मैच का परिणाम निराश करने वाला है लेकिन जिस तरह से भारतीय टीम आखिर तक लड़ी, वो देखना अच्छा लगा। भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में गेंद, बल्ले और फील्डिंग में तगड़ा खेल दिखाया। इसके लिए हमें टीम पर गर्व है। हार-जीत खेल का हिस्सा है, टीम को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।’ आपको बता दें कि इस मैच में भारतीय टीम का शीर्ष क्रम बिखर गया और रोहित शर्मा, केएल राहुल, कप्तान विराट कोहली 1-1 रन बनाकर ही पवेलियन लौट गए। केवल रविंद्र जडेजा (77) और महेंद्र सिंह धोनी (50) ही टिककर खेल पाए।
धोनी के बचाव में उतरे गांगुली
सेमीफाइनल में मिली हार के बाद पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने इस हार की वजह बताते हुए कहा कि चयनकर्ताओं की बड़ी गलती के कारण टीम फाइनल तक नहीं पहुंच सकी। गांगुली ने कहा, ‘एक फिनिशर के तौर पर धोनी को लेकर मेरे मन में अगाध आदर है। मसला धोनी के छक्का लगाने का नहीं है, वो वनडे मैच जीतना जानते हैं और खेल को उसी हिसाब से खेलते हैं। पिछले डेढ़ साल में भारतीय चयनकर्ताओं की यह सबसे बड़ी गलती है कि मध्य क्रम में कोई मजबूत खिलाड़ी नहीं तलाश सके। अगर धोनी पहले आते तो दूसरे छोर पर बैटिंग करने वाले युवा खिलाड़ी को कायदे से खेलने के लिए कहते। ऋषभ पंत सेट हो गए थे लेकिन वो स्पिनर मिशेल सैंटनर की अच्छी गेंद पर खराब शॉट खेलकर आउट हो गए। ऐसे में जरूरत थी कि दूसरे छोर पर कोई ऐसा खिलाड़ी हो जो पंत को सही सलाह दे पाए। अगर धोनी साथ में होते तो पंत को ऐसे शाट्स खेलने से रोकते। इंग्लैंड के साथ मैच में धोनी ने ऐसा ही किया था और पंत ने अच्छा खेला था।