पाकिस्तान की ओर से आया टिड्डी दल बीकानेर शहर तक पहुंच गया है। शनिवार को बीकानेर के आसमां में लोगों ने बड़ी संख्या में टिड्डियों के दल को उड़ते देखा है। एक साथ बड़ी संख्या में टिड्डियों के आने से आसमां में अंधेरा छा गया।
बीकानेर जिले में पिछले तीन से टिड्डी दल सक्रिय है। भारत-पाकिस्तान इंटरनेशनल बॉर्डर पार करते हुए यह दल अब जिला मुख्यालय पर भी दिखाई देने लगा है। शनिवार सुबह बीकानेर शहर में दिखाए देने के बाद पूरा दल गंगाशहर क्षेत्र में भीनासर के बांठिया भवन में उतरा और चंद सेकेंडों को हरी दूब को चट कर गया।
वहींं, पितराइ फेक्ट्री के पास गन्दे पानी पर उगे पेड़ों और हरी घास आदि पर 10 मिनट रुकने के बाद हजारों की तादाद में टिड्डियाँ गांव उदरामसर, श्रीरामसर और सुजानदेसर गांव की रोही से होकर आगे निकल गई। बड़ी मात्रा में एकसाथ इतनी टिड्डी को देखकर टिड्डी नियंत्रण दल सक्रिय हो गया, लेकिन विभाग के कार्मिकों के पहुंचने से पहले टिड्डियां आगे की ओर निकल गईं।
बीकानेर के किसानों की बढ़ी चिंता
गौरतलब
है पाकिस्तान की ओर से आने वाला टिड्डी दल पिछले कई दिनों से राजस्थान
बॉर्डर इलाके बाड़मेर, जैसलमेर आदि में दिखाई दे रहे हैं। अब इसने बीकानेर
में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दी है। इससे बीकानेर के किसानों की चिंता
भी बढ़ गई है, क्योंकि जहां से भी टिड्डी दल गुजरता है वहां फसलों और
पेड़-पौधों को भारी नुकसान पहुंचाता है। हालांकि किसान वर्ग पूरी तरह से
अलर्ट हैं।
उत्तरी अफ्रीका में पनपती हैं टिड्डियां
बता दें कि टिड्डियां मूल रूप से उत्तरी अफ्रीका में अनुकूल वातावरण में पनपती हैं। हर वर्ष जून-जुलाई तक ये हवा के साथ भारत की ओर रुख कर लेती हैं। करोड़ों की संख्या में ये एक साथ पहले अरब देशों को पार करते हुए पाकिस्तान पहुंचती हैं। उसके बाद सिंध से गुजरात एवं राजस्थान तक पहुंच जाती हैं। लाखों की तादाद में होने के कारण फोगिंग, रासायनिक छिड़काव कर इन्हें मारा व भगाया जाता है।