जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को ट्वीट किया कि आखिरी कश्मीरियों का क्या होगा? इस पर कुमार विश्वास ने जवाब दिया. बीते कुछ दिनों के भीतर कश्मीर में जवानों के मूवमेंट के बाद स्थानीय दलों ने अटकलों और अफवाहों का बाजार गर्म कर रखा है. वहीं गृह मंत्रालय का कहना है कि यह रूटीन प्रॉसेस है.
मुफ्ती ने एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा -‘कश्मीरियों का क्या? कौन उनके जीवन की रक्षा करेगा? क्या वे तोप के मुहाने पर रहेंगे?’ मुफ्ती के इसी ट्वीट पर कुमार विश्वास ने टिप्पणी की.
उन्होंने लिखा- ‘कश्मीरियों की ठेकेदारी लेना बंद करो बुआ. तुम्हारे जैसै दो-चार ख़ानदानों की दुकान का ताला तैयार हो रहा है ! बस उसकी चिंता है तुम्हे और तुम्हारे समधी पाक को ! हर कश्मीरी हमारा भाई-बहन है और उससे हमारा सदियों का नाता है,था और रहेगा ! प्रसाद बँटा नहीं कि ‘गिद्धकुल’ चादर फाड़ने लगा’
इससे पहले शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रेस काॅफ्रेंस करके केंद्र सरकार पर हमला बोला था. मुफ्ती ने कहा था, ‘यहां के हालात खराब हो गए हैं. यहां के लोग घबराए हुआ हैं. मैंने ऐसा माहौल पहले कभी नहीं देखा है. पिछले 70 सालों में जम्मू कश्मीर में ऐसा कभी नहीं हुआ. ऐसी अफवाह उड़ रही है कि सरकार 35ए एवं कोई और बड़ी कार्रवाई कर सकती है.’महबूबा ने इसके बाद जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी मुलाक़ात की और अफवाहों से डरे हुए लोगों के सामने स्थिति स्पष्ट करने की अपील की.
सरकार से मेरी गुजारिश- मुफ्ती
मुफ्ती ने कहा, ‘गृह सचिव के एडवाइजरी से लोगों में खौफ है. मुल्क के लोगों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मेरा कहना है कि वे यहां के लोगों के अधिकारों को न छीनें. यहां के लोगों ने अपनी आइडेंटिटी बचाने के लिए बहुत सारी कुर्बानी दी. उसे बरकरार रहने दें.’
मुफ्ती ने कहा, ‘मेरी सरकार से गुजारिश है कि इस वक्त हमारे सर्वाइवर की लड़ाई है, हमारे आईडेंटिटी की लड़ाई है. मैंने फारूख साहब से भी गुजारिश की है कि वे ऑल पार्टी मीटिंग बुलाएं. हम सब आपस में इसपर मशवरा करेंगे और फिर कोई निर्णय लेंगे. उन्होंने कहा कि यहां के लोगों को लगता है कि जम्मू कश्मीर में कुछ होने वाला है.’
जारी की गई एडवाइजरी
कश्मीर में पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों के लिए घाटी छोड़ने के ताजा परामर्श से यहां के लोगों के बीच भय पैदा हो गया है. उन्होंने कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका के चलते राशन और आवश्यक सामान जमा करना शुरू कर दिया.