जिन्हें अब ‘गोल्डन बाबा’ के नाम से जाना जाता है, वह यहां चल रही कांवड़ यात्रा में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। वह पिछले 26 सालों से कांवड़ यात्रा कर रहे हैं और अपने शरीर पर कई किलो सोने के आभूषण पहने रहते हैं। इस बार उन्होंने जो आभूषण पहने हैं उनका वजन 16 किलोग्राम से भी अधिक है।
उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले 26 सालों से कांवड़ यात्रा में भाग ले रहा हूं और पिछले साल तक मैं 26 किलो सोना पहनता था, लेकिन खराब स्वास्थ्य के चलते मैंने इसे अब कम कर दिया है।’
गोल्डन बाबा ने आगे कहा, ‘शुरूआती दिनों में मैं 2-3 ग्राम के सोने के गहने पहनता था, लेकिन आज मैं कई किलो सोने के आभूषण पहनता हूं। इन गहनों के लिए मैंने कभी भी किसी से कोई योगदान या ऋण नहीं मांगा और इन्हें खरीदने के लिए मैंने अपने पैसे खर्च किए हैं।’ इन गहनों में कई चेन, देवी-देवताओं के लॉकेट, अंगूठी और ब्रेसलेट शामिल हैं।
समूह में करीब तीन सौ लोग-
गोल्डन बाबा का अपना समूह है जिसमें 250-300 लोग शामिल हैं। उनकी कांवड़ यात्रा के दौरान भोजन, पानी और एम्बुलेंस जैसी बुनियादी सुविधाएं हमेशा उपलब्ध रहती हैं।