पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “पिछले कुछ दिनों में देश ने लोकतंत्र का गला घुटते हुए देखा है। जिस तरह से चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उससे साफ जाहिर होता है कि मोदी सरकार उनके खिलाफ राजनीतिक द्वेष से काम कर रही है।”
उन्होंने आगे कहा, ” पिछले दो दिनों में देश दिनदहाड़े लोकतंत्र के साथ न्याय की हत्या का गवाह रहा है। सत्ता में बैठे लोगों द्वारा सीबीआई/ईडी का इस्तेमाल राजनैतिक रंजिश के तौर पर किया जा रहा है। बीजेपी ने सीबीआई और ईडी को बदले की कार्रवाई करने वाले विभाग में बदल दिया है।”
उन्होंने आगे कहा, “पूर्व गृह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम के साथ दुर्व्यवहार, दुर्भावनापूर्ण और सुनियोजित तरीके मुकदमा चलाया जा रहा है, जो मोदी सरकार द्वारा निजी और राजनीतिक प्रतिशोध से कम नहीं है।”
प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने आगे कहा, “उनके नियंत्रण से बाहर हो रही अर्थव्यवस्था, बढ़ती बेरोजगारी, रुपये के अवमूल्यन और सभी क्षेत्रों में बेलगाम संकट के बीच अब हम वो सब देखेंगे, जो एक हताश मोदी सरकार 2.0 देश का ध्यान हटाने के लिए करेगी। हम देख रहे हैं कि किस तरह से एक बीजेपी सरकार इन मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए काम कर रही है।”
कुछ मीडिया चैनलों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, “कुछेक कठपुतली समाचार चैनलों के साथ सांठ-गांठ करके बीजेपी प्रचार मशीन पूरी तरह से बेबुनियाद, नकली समाचार और एकमुश्त झूठ के लिए काम करती है। तथ्य उनके दावे का समर्थन नहीं करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “मामला 2007 से संबंधित है और चिदंबरम की गिरफ्तारी मामले के 12 साल बाद और पीएम मोदी के सत्ता में आने के 6 साल बाद होती है। न तो उन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्हें एफआईपीबी की अनुमति दी गई है, न ही कंपनी के अधिकारियों को, जिन्होंने अपराध किया है।”
उन्होंने आगे कहा, “40 साल के समर्पित सार्वजनिक जीवन वाले एक अनुभवी व्यक्ति को जेल में बंद महिला के बयान पर गिरफ्तार किया गया है, जिस पर अपनी ही बेटी की हत्या का आरोप है और जेल से स्वीकृति का बयान दिया गया है। देश के लोगों के सामने स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि वह कौन सी डील है जो जेल में की गई है?”
उन्होंने आगे कहा, “आईएनएक्स मीडिया मामले में न तो पी चिदंबरम और न ही उनके बेटे पर किसी अपराध का आरोप लगाया गया है। इसके अतिरिक्त, एफआईआर में चिदंबरम के खिलाफ कोई अपराध नहीं बताया गया है और न ही आज तक कोई आरोप पत्र दायर किया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “कार्ति चिदंबरम पर उसी मामले में 4 बार छापा मारा गया, गिरफ्तार किया गया और जमानत पर रिहा किया गया। वह 20 से अधिक सम्मन के जवाब में उपस्थित हुए। फिर भी जांच अधिकारियों के पास चिदंबरम के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश करने के लिए कोई सबूत नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “चिदंबरम भारत के सम्मानित अर्थशास्त्रियों और राजनेताओं में से एक हैं। उन्होंने हर बार जांच अधिकारियों को सहयोग किया है। सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील के रूप में उनके पास संविधान के लिए सर्वोच्च सम्मान है। उन्होंने किसी कार्रवाई को नहीं टाला और न ही ऐसा इरादा था।”