दिल्ली-एनसीआर में प्याज की खुदरा कीमत दो दिनों के अंदर 35-40 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गई है। दरअसल प्याज की कीमत में ये बढ़ोतरी आवक में कमी की वजह से अभी जारी रहेगा। दरअसल भारी बारिश की वजह से प्याज के प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान में फसल खराब हो जाने की वजह से कीमतों में ये बढ़ोतरी जारी है।
हालांकि, अभी यह पता नहीं चल पाया है कि फसल कितनी खराब हुई है। यह आकलन तो बारिश के थमने के बाद हो पाएगा। देश की सबसे बड़ी मंडी आजादपुर में प्याज के आढ़ती (होलसेलर) एच. एस. भल्ला ने गुरुवार को हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में बताया कि पिछले एक हफ्ते से कीमत में तेजी जारी है। हालांकि, बुधवार की अपेक्षा मंडी में प्याज के थोक भाव में 200 रुपये की गिरावट आई है। आजादपुर मंडी में ए-ग्रेड प्याज के थोक दाम 2000-3100 रुपए प्रति क्विंटल तक बताए गए। अभी प्याज की नई फसल की आवक शुरू होने में समय है लेकिन सप्लाई कम होने की वजह से कीमत बढ़ रही है। सप्लाई में तेजी नहीं आने पर प्याज के दाम और ऊंचे हो सकते हैं।
प्याज की बढ़ती कीमत को देखते हुए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को अहम बैठक की। उपभोक्ता मामलों (डीओसीए) के सचिव अविनाश के श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक में निर्णय लिया गया कि मदर डेयरी के सफल स्टोर से मात्र 23.90 रुपये प्रति किलो के दर पर ग्रेड-ए प्याज ग्राहकों को बेचा जाएगा। साथ ही सरकार प्याज के जमाखोरों और मुनाफाखोरी करने वालों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि वे ऐसा नहीं करे वरना उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस बैठक में नफेड और एनसीसीएफ के अधिकारी भी शामिल रहे।
बठक के बाद मंत्रालय की ओर से नफेड और एनसीसीएफ को उनके आउटलेट और मोबाइल वैन के जरिए 23.90 रुपये की दर से प्याज ग्राहकों को बेचने को कहा गया है। इतना ही नहीं सरकार ने बफर स्टॉक से भी उचित कीमत पर प्याज के बड़े खुदरा कारोबारियों को प्याज बेचने के लिए उपलब्ध कराने की बात कही गई है, ताकि प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके और लोगों को सस्ता प्याज मिल सके।