दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी एप्पल (Apple) के CEO टिम कुक ने 23,700 शेयर दान (Share Donation) कर दिए हैं. कंपनी ने इसकी जानकारी रेग्युलेटरी फाइलिंग में दी है. दान किए शेयरों की वैल्यू 36 करोड़ रुपये (5 मिलियन डॉलर) है. हालांकि टिम कुक (Tim Cook) ने जिस चैरिटी को दान दिया, उसका नाम नहीं बताया है. पिछले साल अगस्त में कुक ने एक अज्ञात चैरिटी को इतनी ही कीमत के शेयर दान कर दिए थे. Apple के मुताबिक, कुक के पास 854,849 (8 लाख 54 हजार 849) शेयर हैं. जिनकी कीमत 17.6 करोड़ डॉलर यानी 1,267 करोड़ रुपये हैं. आज टिम कुक के पास इतने पैसे हैं की वो दान कर सकें लेकिन आपको बता दें कि अपनी टीनऐज में पेपर बेचकर घर का खर्च चलाते थे. उन्होंने अपने होम स्टेट अलाबामा के पब्लिकेशन ‘द प्रेस रजिस्टर’ के पेपर बेचे. इसके अलावा, उन्होंने अपनी मां के साथ फॉर्मेसी में काम किया, लेकिन उनकी चाहत ऊपर उठने और बड़ा बनने की थी. अपनी इसी सोच के साथ कड़ी मेहनत कर और आज वो दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी एप्पल के सीईओ हैं. आइए आपको बताते हैं उनके बारे में सबकुछ और कहां दान करने की योजना कर रहे हैं कुक.
पढ़ाई करते हुए किया पार्ट टाइम काम
कुक Auburn University में पढ़ने के दौरान Reynolds Aluminum कंपनी में पार्ट टाइम काम करते थे. यह काम उनकी पढ़ाई का हिस्सा भी था. कंपनी का स्टाफ धीरे-धीरे कंपनी छोड़कर चला गया. इस घटना के बाद टिम ने कंपनी के प्रेसिडेंट की मदद की और उनके साथ मिलकर कंपनी को आगे बढ़ाया. वे इंजीनियर बनना चाहते थे. इसी के चलते उन्होंने इंडस्ट्रीयल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की.
कुक रॉबर्ट एफ केनेडी सेंटर फॉर जस्टिस एंड ह्यूमन राइट्स संस्था और ह्यूमन राइट्स अभियानों के लिए दान देते रहे हैं. कुक ने अपने बयान में कहा है कि वो अपनी पूरी संपत्ति को एक चैरिटी को दान करने की योजना बना रहे हैं. इसके साथ ही हाल ही में कुक ने ट्वीट कर ये जानकारी दी थी कि उनकी योजना Amazon के जंगलों के संरक्षण के लिए दान देने की भी है.
बड़ा आदमी बनने की पहले दिन से थी चाहत
टिम कुक ने जब पहली कंपनी ज्वाइन की तो पहले दिन से ही सोच लिया था कि वे सबसे टॉप पर जाएंगे. उन्होंने ऑफिस में अपने लिए एक छोटा कॉर्नर बनवाया. पहले तो लोगों को यह अजीब लगा, लेकिन बाद में उन्हें अहसास हुआ कि ऊपर तक पहुंचने के लिए छोटे से ही ऊपर उठा जाता है. वे खुद को “Attila the Hun of inventory” कहते थे. उन्हें कई साल तक दूसरी बिग टेक कंपनी (Dell and Motorola) का सीईओ बनने के ऑफर आए, लेकिन उन्होंने किसी को भी स्वीकार नहीं किया.
फेल होने का डर नहीं
टिम को कभी भी फेल होने का डर नहीं सताया. उन्होंने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था, यदि मैं अपने काम में फेल होता हूं तो मैं अपने काम की शुरुआत एक बार फिर नए सिरे से करूंगा. वे बहुत ही छोटे परिवार से थे. उनके पिता शिपयार्ड में काम करते थे और मां घर पर रहकर परिवार की देखभाल करती थीं. इनका जन्म एक छोटे से गांव Robertsdale में हुआ था, जो Alabama में है.